सुप्रीम कोर्ट आज पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में नए वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिका में एडवोकेट शशांक शेखर झा ने कहा कि हिंसा की जांच अदालत की निगरानी में की जाए।
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में पांच सदस्यों वाले न्यायिक जांच आयोग के गठन की मांग भी की गई है। मामला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह की बेंच सुनेगी।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में ममता सरकार को वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान झड़पों/दंगों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देने की मांग की गई है। हेट स्पीच पर कार्रवाई और रोक की अपील की गई है। याचिका में कहा गया है कि मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे गए लोगों और पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा भी दिलवाया जाए।
हाईकोर्ट का सुझाव- हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा हो
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने पर 17 अप्रैल को आदेश सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की बेंच नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई कर रही है।
जिले के संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की 17 कंपनियां तैनात हैं। सुवेंदु अधिकारी ने अपील की है कि विस्थापित लोगों की उनके घरों में वापसी के लिए राज्य सरकार की तरफ से कदम उठाए जाने के निर्देश दिए जाएं।
इससे पहले हाईकोर्ट ने सुझाव दिया था कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पश्चिम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से एक-एक सदस्य वाला पैनल हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करे।
NCW की टीम मुर्शिदाबाद पहुंची
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने रविवार को पश्चिम बंगाल सरकार से मुर्शिदाबाद जिले के दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। आयोग एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही केंद्र को सौंपा जाएगा। इसकी कॉपियां राज्य के शीर्ष अधिकारियों को भेजी जाएंगी।