उन्होंने कहा, ‘हम उनके घर जाते थे। उनकी पत्नी और वो हमें आमंत्रित करते और हमारा पसंदीदा भोजन मटन करी, पाव, नींबू और प्याज था।’ भारत के कई खिलाड़ियों को कोचिंग देने वाले आचरेकर का जनवरी 2019 में निधन हो गया। 1990 में आचरेकर को प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 2010 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। तेंदुलकर ने कहा, ‘सर एक ‘जनरल स्टोर’ थे, उनके पास सब कुछ होता था। वह बहुत ख्याल रखते थे। जब हम डॉक्टर के पास जाते थे, तब भी वह स्थितियों को नियंत्रित करते थे। वह एक ऑलराउंडर थे।’