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मेहनत ही सफलता की कुंजी है

Updated on 09-09-2021 01:51 PM
मेहनत ही सफलता की कुंजी है। और सफलता शब्द जितना कहने और सुनने में आसान और अच्छा लगता है उतना ही इसे हासिल कर पाना मुश्किल है। किसी भी क्षेत्र में प्राप्त करनी हो उसके लिए कठिन मेहनत और परिश्रम करना बहुत जरूरी है परंतु क्या कठिन मेहनत करने से ही सफलता मिल जाती है। यह जरूरी नहीं है कुछ लोगों द्वारा कठिन परिश्रम करने के बाद भी उन्हें सफलता प्राप्त नहीं होती है। ऐसा नहीं है कि इन लोगों ने स्वयं की सफलता के लिए प्रयास नहीं किया होंगे। सफलता प्राप्त करने में भाग्य का भी पूरा योगदान होता है। यदि किसी व्यक्ति का भाग्य उसका पूरा साथ देता है तो उस व्यक्ति को कम मेहनत करने पर भी सफलता प्राप्त हो जाती है और वही जब भाग्य व्यक्ति का साथ नहीं देता तो वह कितनी भी मेहनत कर ले उसे सफलता प्राप्त करने में समय लगता है। और कई बार ऐसा भी होता है कि आप कठिन परिश्रम करें और सफलता किसी और को मिले। तो ऐसी स्थिति में यदि व्यक्ति को सफलता प्राप्त नहीं हो रही तो सोए हुए भाग्य को जगाने के लिए इन 5 उपायों को करें। तो व्यक्ति को अवश्य ही सफलता प्राप्त होती है।
• कैसे सोया हुआ है भाग्य
1.व्यक्ति की कुंडली में जिस भाव में कोई ग्रह उपस्थित नहीं होता है तथा जिन भाव पर किसी ग्रह की दृष्टि नहीं होती है। उस भाव को व्यक्ति का सोया हुआ भाव माना जाता है। तथा यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में ऐसी स्थिति बनती है तो भाग्य उस व्यक्ति का साथ नहीं देता है।
2.सोए भाग्य के अलावा सोएं हुए ग्रह भी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं। सोएं ग्रह से मतलब है, कि उस ग्रह का शुभ और अशुभ प्रभाव सिर्फ उसी भाव में होगा जिस भाग में वह बैठा यानी स्थित है इसकी कई अन्य स्थितियां भी होती है।
(1)कोई ग्रह सूर्य के समीप है तो उस ग्रह को अस्त माना जाएगा अर्थात भाग्य ग्रह सोया हुआ है।
(2)दूसरा यह कि जब पहले भाव अर्थात 1 से 6 तक के भाव में कोई ग्रह उपस्थित न हो तो इससे बाद के भावों के ग्रह को सोया हुआ माना जाएगा।
(3)जब कोई ग्रह स्वयं की राशि या अपनी उच्च राशि या अपने पक्की घर में नहीं बैठा हो तो ऐसी स्थिति में भी ग्रह सोया हुआ माना जाएगा।
(4) और यदि भाव 10 में कोई ग्रह उपस्थित नहीं हो तो भाग-2 के ग्रह को सोया हुआ माना जाएगा। यदि भाव 2 में कोई ग्रह न हो तो भाव 9 वह 10 भावों के ग्रह को सोया हुआ माना जाएगा।
• भाग्य को जगाने के उपाय
1.यदि आपका भाग्य सोया हुआ है तो पाप कर्म करना अर्थात  मंदिरा आदि का उपयोग करना बंद कर दें। घर की महिलाओं का सम्मान करें। झूठ ना बोले। पिता और दादा से संबंध अच्छे रखें।
2.अपने इष्ट देवता की शरण में रहे। उनकी नित्य पूजन और भक्ति करें। और प्रत्येक गुरुवार को व्रत रखें और मंदिर जाएं।
3.भाग्य को जगाने के लिए बृहस्पति से संबंधित उपाय करें। जैसे पीपल की जड़ में जल चढ़ाना। पीले फूल वाले पौधों को बगीचे में लगाना। पीली वस्तुओं का दान करना।
4.यदि आप कम से कम 60 दिन तक माथे पर केसरिया चंदन से सुगंधित तिलक का उपयोग करते हैं तो यह भी भाग्य को जगाने में आपकी सहायता करेगा।
5.और घर का ईशान कोण अर्थात पूर्व व उत्तर के बीच के कोण को साफ, खाली और स्वच्छ रखें। और वहां जल की स्थापना करें। तथा घर में प्रतिदिन कपूर चलाएं।

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