साउथ अमेरिका के देश इक्वाडोर में मंगलवार को हथियारों के साथ कुछ लोग इक्वाडोरियन टेलीविजन स्टेशन TC के लाइव ब्रॉडकास्ट में घुस गए। उन्होंने एंकर पर बंदूक तान दी। इस दौरान लाइव शो में लोगों के चिल्लाने और गोलियां चलने की आवाजें भी सुनाई दीं।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इसके बाद देश के राष्ट्रपति डैनियल नाओबा ने 22 गैंग्स को आतंकी संगठन घोषित कर दिया। हमलावरों ने काले रंग के कपड़े पहन रखे थे और अपने चेहरे को मास्क से ढंक रखा था। स्टूडियो में घुसते से ही उनमें से एक ने साथ में बम होने की सूचना दी। नकाबपोशों ने नागरिकों और सिक्योरिटी फोर्स को मारने की भी धमकी दी।
लाइव शो रुकने से पहले तक वो स्टूडियो में बंदूकें लहराते नजर आ रहे हैं। उन्होंने लोगों के हाथ बांध दिए और उन्हें जमीन पर लेटा दिया। इस दौरान वो कैमरे की तरफ देखते हुए पुलिस को न बुलाने की बात करते दिख रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
इक्वाडोर में 60 दिन के लिए इमरजेंसी लगी
दरअसल सोमवार को इक्वाडोर की जेल से देश का सबसे खतरनाक अपराधी एडोल्फो मासियास उर्फ फीटो जेल से फरार हो गया था। इसके बाद राष्ट्रपति नाओबा ने देश में 60 दिन की इमरजेंसी लगा दी थी। फीटो पर ड्रग तस्करी, हत्या और हिंसा फैलाने जैसे कई आरोप हैं।
सरकार के इस कदम के बाद देश में कई गैंग एक्टिव हो गए हैं। कुछ गैंग के लोगों ने 7 पुलिस अधिकारियों को अगवा कर लिया था। इसके अलावा देश में कई जगह धमाके भी हुए थे। मंगलवार को राष्ट्रपति ने घोषणा की कि फीटो के गैंग लॉस कोनेरोस को भी आतंकी संगठन घोषित किया गया है।
इसके बाद गैंग के लोगों ने 3 बंधकों के जरिए राष्ट्रपति के नाम अपना संदेश दिया। उन्होंने कहा- अगर सरकार जंग चाहती है, तो इन्हें जंग मिलेगी। आपने आपातकाल की घोषणा की है। इस जंग का खामियाजा पुलिस, नागरिकों और सैनिकों को भुगतना होगा।
जेल से फरार हुए थे 39 कैदी
राष्ट्रपति नाओबा ने देश की सेना को मिलिट्री ऑपरेशन चलाकर इन संगठनों को हर हाल में निष्क्रिय करने का आदेश दिया है। पिछले कुछ समय में इक्वाडोर की जेलों में हुए कई घातक दंगों के पीछे इसी गैंग का हाथ रहा है। इक्वाडोर की प्रिजन एजेंसी SNAI ने मंगलवार को बताया कि रियोबाम्बा से एक गैंग लीडर कोलोन पीको सहित करीब 39 कैदी फरार हो गए थे।
पीको पर एक अटॉर्नी जनरल की हत्या की कोशिश का आरोप है। फरार हुए 39 कैदियों में से 17 को वापस गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं पिछले 2 दिन के अंदर करीब 139 जेल गार्ड्स को गैंग मेंबर्स ने बंदी बना रखा है।
इससे पहले सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इक्वाडोर सरकार के प्रवक्ता रॉबर्टो इजुरीटा ने कहा था- फीटो को ढूंढने के लिए हजारों सैनिकों और पुलिसकर्मियों को सड़कों पर उतारा गया है। इमरजेंसी के तहत देशभर में सभाओं पर रोक और रात में कर्फ्यू लगाया गया है। रात 11 बजे के बाद सड़कों पर घूमने वाले लोगों को मारने का आदेश दिया गया है।
फीटो को 2011 में हुई थी 34 साल जेल की सजा
एडोल्फो मासियास लॉस कोनोरोस गिरोह का सरगना है। 2011 में ड्रग तस्करी और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में उसे 34 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। अगस्त 2023 में उसे सबसे ज्यादा सुरक्षा वाली जेल में शिफ्ट किया गया था। इस काम में हजारों सैनिकों को लगाया गया था। फीटो पर इक्वाडोर में चुनाव से पहले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे फर्नांडो विलावीसेंशियो की हत्या का भी आरोप है।
दरअसल, फर्नांडो अपने चुनाव प्रचार के दौरान भ्रष्टाचार, ड्रग्स और देश में अपराध फैलाने वाले गिरोहों पर लगाम कसने की बात करते थे। हत्या से पहले फीटो ने फर्नांडो को कई बार धमकियां भी दी थीं। फीटो इससे पहले 2013 में भी जेल से फरार हो गया था। तब 3 महीने बाद उसे दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था।
2021 में इक्वाडोर की जेल में मारे गए 460 कैदी
कोकीन एक्सपोर्ट के मामले में टॉप देश कोलंबिया और पेरू के बीच में मौजूद इक्वाडोर में पिछले कुछ सालों से मैक्सिकन और कोलंबियाई कनेक्शन वाले गिरोहों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। इस वजह से यहां कई बार हिंसा होती रहती है।
गैंगवार बड़े पैमाने पर देश की जेलों में होते हैं, जहां फीटो जैसे आपराधिक नेताओं का कंट्रोल है। 2021 से इन लड़ाइयों में लगभग 460 कैदी मारे गए थे। इनके शवों को अक्सर काटकर फेंक दिया जाता है।