GQG ने की मुनाफावसूली, FII ने किया किनारा, तीसरी तिमाही में अडानी को किसने उबारा?
Updated on
15-01-2025 05:12 PM
नई दिल्ली: अडानी ग्रुप को दिसंबर तिमाही में नए आरोपों का सामना करना पड़ा। ग्रुप के शीर्ष अधिकारियों पर भारत में अधिकारियों को रिश्वत देने और यह बात अमेरिकी निवेशकों से छिपाने के आरोप लगे। हालांकि ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है लेकिन दिसंबर तिमाही के दौरान उसके शेयरों में काफी उतारचढ़ाव देखने को मिला। इस दौरान जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी ग्रुप के 3 शेयरों में मुनाफावसूली की जबकि एफआईआई ने 6 शेयरों में अपनी हिस्सेदारी कम कर दी। एलआईसी ने एसीसी को छोड़कर अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी जस की तस रखी। लेकिन म्यूचुअल फंड्स ने अडानी ग्रुप की 10 लिस्टेड कंपनियों में से 6 में हिस्सेदारी बढ़ाने का साहसिक फैसला लिया।
अडानी ग्रुप के लिस्टेड शेयरों के दिसंबर तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के विश्लेषण से पता चलता है कि अडानी पोर्ट्स में म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी 104 आधार अंक बढ़कर 5.06% और अंबुजा सीमेंट्स में 136 आधार अंक बढ़कर 7.71% हो गई। इसी तरह घरेलू फंड हाउस ने अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी पावर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। एसीसी में म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी मामूली रूप से 14 बीपीएस घटकर 15.21% रह गई।
FII ने की बिकवाली
तिमाही के दौरान विदेशी निवेशकों ने अडानी ग्रुप के शेयरों में बिकवाल की। अडानी पोर्ट्स में FII की हिस्सेदारी 128 बीपीएस घटकर 13.94% रह गई है। इसी तरह अडानी ग्रीन एनर्जी में उनकी हिस्सेदारी 148 बीपीएस, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 132 बीपीएस और अंबुजा सीमेंट्स में 147 बीपीएस कम हुई है। FII ने साथ ही ACC और अडानी पावर में भी अपनी हिस्सेदारी कम की है। दूसरी ओर अडानी एंटरप्राइजेज में FII की हिस्सेदारी 41 बीपीएस बढ़कर 13.94% हो गया। अडानी एंटरप्राइजेज में 11.72% की गिरावट आई। सांघी इंडस्ट्रीज और अडानी विल्मर में भी एफआईआई ने खरीदारी की।
GQG ने क्या किया
अडानी बुल के रूप में जाने जाने वाले NRI निवेशक राजीव जैन की अगुआई वाले GQG पार्टनर्स ने अडानी पोर्ट्स में अपनी हिस्सेदारी को तीसरी तिमाही में आधे से ज्यादा घटाकर 1.46% करने का फ़ैसला किया जबकि Q2 में यह 4.12% थी। अडानी पावर में भी इसकी हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही में 2 बीपीएस घटकर 5.08% रह गई। अंबुजा सीमेंट्स में GQG की हिस्सेदारी तिमाही-दर-तिमाही 2.05% से घटकर 1.48% रह गई। इस दौरान अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस और अडानी एंटरप्राइजेज में GQG की हिस्सेदारी बढ़ी है।
वेट-एंड-वॉच मोड पर LIC
भारत के सबसे बड़े घरेलू संस्थागत निवेशक LIC ने तिमाही के दौरान अडानी ग्रुप के शेयरों में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखने का फैसला किया। LIC ने ACC में कुछ हिस्सा खरीदा और ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में थोड़ी हिस्सेदारी बेची। लेकिन ग्रुप के 5 अन्य शेयरों में यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया। अमेरिकी अभियोजकों के पिछले साल नवंबर में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी समेत सात अन्य लोगों को रिश्वतखोरी के मुकदमा चलाने की बात कही थी। इससे 21 नवंबर को ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी।
कहां तक जाएगी कीमत
इस बीच विदेशी और घरेलू ब्रोकरेज ने अडानी ग्रुप के शेयरों का समर्थन किया है। नोमुरा ने कहा कि रिश्वतखोरी के मामले में दोषी पाए जाने पर भी अडानी ग्रुप इसे मैनेज कर सकता है। अडानी पोर्ट्स इस ग्रुप में ब्रोकरेज का सबसे पसंदीदा बना हुआ है। घरेलू ब्रोकरेज फर्म वेंचुरा सिक्योरिटीज ने शेयर पर 24 महीने का टारगेट प्राइस 1,674 रुपये दिया है। मंगलवार को यह बीएसई पर 1117.60 रुपये पर बंद हुआ था।
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