यूएन के भी 89 कर्मचारियों की मौत
संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य एजेंसी यानी यूएनआरडब्ल्यूए ने भी अपने एक बयान में गाजा में युद्ध के दौरान औसतन हर 10 मिनट में एक बच्चे की मौत और 2 के घायल होने की बात कही है। यूएनआरडब्ल्यूए की प्रवक्ता तमारा अलरिफा ने कहा कि गाजा के करीब 70 फीसदी लोग विस्थापित हो चुके हैं। ये लोग संयुक्त राष्ट्र के आश्रयों में भयावह परिस्थितियों में रहने को मजबूर हैं। जहां पीने के पानी और स्वच्छता का बुनियादी ढांचा भी नहीं है। जिससे लोग कई तरह की बीमारियों का शिकार भी हो रहे हैं। हमास-इजरायल के बीच हो रहे युद्ध में संयुक्त राष्ट्र के 89 सहायताकर्मी मारे गए हैं। ये इतिहास में किसी संघर्ष में मारे गए यूएन कर्मचारियों की सबसे अधिक संख्या है। फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए यूएन की कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) ने मंगलवार को अपनी ताजा रिपोर्ट में ये जानकारी दी है।दक्षिणी इजरायल में 7 अक्टूबर को आतंकी संगठन हमास ने हमला करके करीब 1400 लोगों को मार डाला था। साथ ही 200 से अधिक लोगों का अपहरण करके बंधक बना लिया था। इसके बाद इजरायल ने गाजा पट्टी में लगातार हमले किए हैं। इजरायल की ओर से हमास को निशाना बनाकर हमले किए जाने की बात कही जा रही है। हालांकि हमलों का शिकार ज्यादातर गाजा के आम शहरी हो रहे हैं।