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गणेश चतुर्थी तिथि और गणपति पूजन का शुभ मुहूर्त -2021

Updated on 10-09-2021 02:36 PM
देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार इस साल 10 सितंबर को मनाया जा रहा है लेकिन इसकी धूम धाम अभी से ही हर तरफ़ देखने को मिल रही है। बीते साल कोरोना संकट के कारण गणेश पूजा को लोगों ने बहुत ही सादगी से अपने घरों में मनाया लेकिन अबकी बार लोग कोरोना नियम का पालन करते हुए गणेश चतुर्थी पर भव्य आयोजन भी कर रहे हैं और अपने-अपने घरों में भी गणपति बैठकर उनकी विधिवत पूजा करने की तैयारी में लगे हुए हैं।

पारंपरिक रूप से भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि को श्रद्धालु अपने-अपने घरों में गणपति प्रतिमा को स्थापित करके उनकी प्राण-प्रतिष्ठा सहित पूजा करते हैं। गणपति पूजन में बहुत से लोग 10 दिन के लिए घर में गणपति पूजन का आयोजन करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा को बड़ी धूम-धाम से विदाई देकर विसर्जन करते हैं और कामना करते हैं कि सब कुछ मंगलमय हो और अगले वर्ष फिर से हम आपकी पूजा कर पाएं।

पारंपरिक रूप से भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि को श्रद्धालु अपने-अपने घरों में गणपति प्रतिमा को स्थापित करके उनकी प्राण-प्रतिष्ठा सहित पूजा करते हैं। गणपति पूजन में बहुत से लोग 10 दिन के लिए घर में गणपति पूजन का आयोजन करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा को बड़ी धूम-धाम से विदाई देकर विसर्जन करते हैं और कामना करते हैं कि सब कुछ मंगलमय हो और अगले वर्ष फिर से हम आपकी पूजा कर पाएं।

इस वर्ष गणेश चतुर्थी के दिन भद्रा का साया भी लग रहा है। गणेश चतुर्थी के दिन 11 बजकर 09 मिनट से रात 10 बजकर 59 मिनट तक पाताल निवासिनी भद्रा रहेगी। शास्त्रों के अनुसार पाताल निवासिनी भद्रा का होना शुभ फलदायी होता है। इससे समय धरती पर भद्रा का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है। दूसरी बात यह भी है कि गणपतिजी स्वयं सभी विघ्नों का नाश करने वाले विघ्नहर्ता हैं इसलिए गणेश चतुर्थी पर लगने वाले भद्रा से लाभ ही मिलेगा।

गणपति स्थापना पूजन का शुभ मुहूर्त
इस बार गणपति पूजन का शुभ मुहूर्त दिन में 11.31 से 1.00 pm तक वृश्चिक लग्न पर मध्यान्ह का अभिजित मुहूर्त भी इसमें समाहित है आरंभ होगा और रात 10 बजे तक पूजन का शुभ समय रहेगा। पूजा के समय “ॐ गं गणपतये नमः:” मंत्र का जप करते हुए गणपतिजी को जल, फूल, अक्षत, चंदन और धूप-दीप एवं फल नैवेद्य अर्पित करें। प्रसाद के रूप में गणेशजी को उनके अति प्रिय मोदक का भोग अवश्य लगाएं। 

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