ईरान ने शुक्रवार को चार लोगों को फांसी पर लटका दिया। मारे गए चारों लोग ईरान के नागरिक थे। इनमें तीन पुरुष और एक महिला शामिल है। इन सभी पर इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी का आरोप था। यह जानकारी मिजान ऑनलाइन ने दी है। यह अजरबैजान की न्यूज वेबसाइट है। पिछले हफ्ते ईरान ने पति की हत्या की दोषी महिला को फांसी दी थी।
कौन हैं फांसी पाने वाले लोग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- जिन लोगों को शुक्रवार को फांसी दी गई, उनकी फैमिलीज को कुछ घंटे पहले ही इस बारे में बताया गया था। मारे गए लोगों की पहचान वफा हानारेह, अरम ओमेरी, रहमान परहोजो और नसीम नमाजी (महिला) हैं। इन लोगों को सजा से पहले एक आदेश पढ़कर सुनाया गया। इसमें कहा गया था- आप लोगों ने यहूदियों के लिए वतन से गद्दारी की है।
ईरान सरकार का कहना है कि वतन में कुछ लोग इजराइल और यहूदियों के हितों के लिए जासूसी करते हैं और इसके बदले उन्हें हजारों डॉलर मिलते हैं। ऐसे लोगों को किसी सूरत बख्शा नहीं जा सकता।
इसके पहले भी ईरान ने इजराइल के लिए कथित तौर पर जासूसी करने वाले कई लोगों को फांसी दी है। 2021 में एक साथ सात लोगों को इसी जुर्म में सजा दी गई थी। हालांकि, तब कई महीने गुजर जाने के बाद यह खबर सामने आ सकी थी। ईरान सरकार ने अब तक यह बात नहीं मानी है।
चाइल्ड ब्राइड को फांसी
ईरान सरकार ने पिछले हफ्ते दुनिया के तमाम ह्यूमन राइट्स संगठन की मांग को ठुकराते हुए एक महिला को फांसी पर लटका दिया था। मानवाधिकार संगठनों ने समीरा सब्जियान को चाइल्ड ब्राइड या बालिका वधू बताया। समीरा की शादी महज 15 साल की उम्र में जबरन करा दी गई थी।
पति के बेइंतहां जुल्म सहन करने वाली इस लड़की ने 10 साल पहले खुद को बचाने की कोशिश में पति की हत्या कर दी थी। तब से वो जेल में थी। बुधवार को फांसी से कुछ देर पहले वो दोनों बच्चों से मिली और उन्हें अलविदा कहा। ये मुलाकात भी 10 साल बाद हुई थी।
ईरान ह्यूमन राइट्स (IHRNGO) नॉर्वे से ऑपरेट करता है, क्योंकि ईरान में किसी मानवाधिकार संगठन को काम करने की मंजूरी नहीं है। इसी संगठन ने समीरा को फांसी पर लटकाए जाने की जानकारी दी है।
संगठन ने कहा- चाइल्ड ब्राइड समीरा को 20 दिसंबर 2023 को फांसी दे दी गई। यह ईरान में पुरुष और महिलाओं के बीच बहुत बड़े फर्क का एक और बेहद भयानक उदाहरण है।
संगठन के डायरेक्टर महमूद आमिरी मोघादम हैं। उन्होंने कहा- समीरा की मौत ईरान में चाइल्ड मैरिज और डोमेस्टिक वॉयलेंस की एक ऐसी कड़ी है, जो खत्म होती या टूटती नजर नहीं आती। वहां की सरकार ने दुनिया की हर मांग को ठुकरा दिया।
13 साल में 200 से ज्यादा महिलाओं को फांसी
UN के ह्यूमन राइट्स कमीशन ने कहा- इस सजा से हम सकते में हैं। ईरान से मांग करते हैं कि वो सजा-ए-मौत पर फौरन रोक लगाए। 2010 के बाद से अब तक वहां 200 महिलाओं को फांसी पर लटकाया जा चुका है। बदकिस्मती ये है कि इनमें से ज्यादातर खुद डोमेस्टिक वॉयलेंस की शिकार थीं।
ब्रिटेन की ऋषि सुनक सरकार ने तो डिप्लोमैटिक लेवल पर समीरा की सजा माफ किए जाने की मांग की थी। हालांकि, वहां की सरकार ने इस पर विचार तक करने से इनकार कर दिया और इसकी वजह देश का कानून बताया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक- इस साली यानी 2023 में ईरान सरकार ने 18 महिलाओं को फांसी दी है। सितंबर 2022 में 8 पुरुषों को सजा-ए-मौत दी गई थी। इन्हें हिजाब विरोधी आंदोलन का हिस्सा बताया गया था। 2022 में कुल 582 लोगों को सजा-ए-मौत दी गई थी। माना जा रहा है कि इस साल यह आंकड़ा कहीं ज्यादा हो सकता है।