अगर इसमें गलती मिली तो भी जुर्माना लगेगा। बताया जा रहा है कि ऐसा हर साल पुनर्मूल्यांकन के आवेदनों की वजह से कॉपियों की दोबारा जांच करानी पड़ती है। कई बार होता है जब परीक्षार्थी का दावा सही होता है और उसके अंक बढ़ जाते हैं। इसकी वजह से कई बार न्यायालय में मंडल की स्थिति लज्जाजनक हो जाती है।