एनाकोंडा, सुपर वासुकी और शेषनाग का बाप... कहां चली थी दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन
Updated on
10-06-2023 08:11 PM
नई दिल्ली: रेलवे ने पिछले साल 15 अगस्त के दिन देश की सबसे लंबी और सबसे भारी ट्रेन चलाने की उपलब्धि हासिल की थी। इसे सुपर वासुकी (Super Vasuki) नाम दिया गया था। 3.5 किलोमीटर लंबी इस मालगाड़ी को खींचने के लिए एक दो नहीं बल्कि पूरा पांच इंजन लगाए गए। इस ट्रेन के 295 डिब्बों में 27,000 टन कोयला भरा था। यह छत्तीसगढ़ के कोरबा से नागपुर के लिए चली थी और इसने 267 किलोमीटर का सफर 11 घंटे 20 मिनट में पूरा किया था। इससे पहले रेलवे ने एनाकोंडा और शेषनाग जैसी ट्रेनें भी चलाई थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन सुपर वासुकी से दोगुना से भी ज्यादा लंबी थी। आइए जानते हैं कब और कहां चली थी दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन:
द ऑस्ट्रेलियन बीएचपी आयरन ओर (The Australian BHP Iron Ore) दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन है। यह ट्रेन जून 2001 में चलाई गई थी और इसकी लंबाई करीब 4.6 मील यानी 7.353 किमी थी। यह दुनिया के इतिहास की अब तक की सबसे लंबी ट्रेन थी। पश्चिम ऑस्ट्रेलिया के Pilbara इलाके में बीएचपी की अपनी प्राइवेट रेल लाइन है। इसे माउंट न्यूमैन रेलवे (Mount Newman railway) कहा जाता है। इस रेल नेटवर्क को आयरन ओर यानी लौह अयस्क के ट्रांसपोर्टेशन के लिए डिजाइन किया गया है। बीएचपी उस इलाके में एक और रेल लाइन को ऑपरेट करती है जिसे The Goldsworthy Railway कहा जाता है।
24 एफिल टावर के बराबर लंबी
7.3 किमी लंबी बीएचपी आयरन ओर ट्रेन दुनिया की सबसे लंबी और भारी मालगाड़ी थी। 682 डिब्लों वाली इस ट्रेन को खींचने के लिए आठ मजबूत General Electric AC6000CW डीजल लोकोमोटिव लगाए गए थे। इसने पश्चिम ऑस्ट्रेलिया में यांडी माइन से पोर्ट हेडलैंड का 275 किमी का सफर 10 घंटे चार मिनट में पूरा किया था। रास्ते में चढ़ाई के दौरान एक कॉपलर ट्रेन से निकल गया था। इस कारण इस ट्रेन यात्रा में चार घंटे 40 मिनट की देरी हुई। इस ट्रेन में 82,000 टन आयरन ओर भरा था। यह ट्रेन इतनी लंबी थी कि इसमें 24 एफिल टावर फिट हो सकते थे। एफिल टावर की लंबाई 300 मीटर है। अगर इस ट्रेन के वजन की बात करें तो यह करीब एक लाख टन था। यानी इसका वेट वेट 402 स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के बराबर था। स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का वजन 225 टन है।
आज भी बीएचपी आयरन ओर ट्रेन चलती है। इसमें 270 डिब्बे लगे होते हैं जिन्हें चार डीजल लोकोमोटिव इंजन खींचते हैं। यह ट्रेन करीब 38,000 टन लौह अयस्क ले जाती है। पहले सबसे लंबी ट्रेन का रेकॉर्ड साउथ अफ्रीका के पास था। वहां 1991 में 71,600 टन वजन वाली ट्रेन चलाई गई थी। यह ट्रेन साइशेन से साल्डान्हा के बीच चली थी और इसमें आयरन ओर भरा था। इसमें 660 वैगन थे और इसकी लंबाई 7,200 मीटर थी। इसे खींचने के लिए नौ Electric और सात Diesel लोकोमोटिव इंजन लगाए गए थे।
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