5,000 रुपये का किया निवेश
ट्रेनिंग के बाद दीपाली ने 5,000 रुपये का निवेश किया। उन्होंने इस रकम से रंग, घास और दूसरी चीजें खरीदीं। इसके बाद उन्होंने सबई घास से कई तरह की चीजें बनानी शुरू कर दीं। इसमें ज्वेलरी बॉक्स, टोकरियां, डेकोरेटिव आइटम्स आदि शामिल हैं।वह प्रोडक्ट पर अलग-अलग रंगों से तरह-तरह की डिजाइन करती हैं। इसमें फूल, पक्षी, जानवर आदि शामिल होते हैं। साथ ही वह कई तरह की दूसरी डिजाइन भी बनाती हैं। वह बताती हैं कि दीवार पर लटकाने वाली 14 इंच की थाली बनाने में 30 घंटे तक का समय लगता है।
कितनी हो रही कमाई?
33 साल की दीपाली सबई घास से बने प्रोडक्ट को न केवल भारत में बल्कि विदेश में भी बेचती हैं। वह हर साल विभिन्न प्रदर्शनियों में अपने प्रोडक्ट बेचती हैं। वह हर महीने करीब 600 प्रोडक्ट बनाती हैं। इनकी कीमत साइज के डिजाइन के हिसाब से अलग-अलग होती है।ये प्रोडक्ट बेचकर दीपाली साल में 10 लाख रुपये से ज्यादा कमा रही हैं। साथ ही वह पश्चिम बंगाल के आदिवासी बहुल इलाके में 50 ग्रामीण महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं।