कुछ मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को भी जिलों की कमान दी जाएगी। ये लोग वहां चुनाव से पहले बूथ प्रबंधन का काम देखेंगे। प्रदेश के संगठन क्षमता वाले कार्यकर्ताओं का पार्टी कई राज्यों में उपयोग करती रही है।
भाजपा विधानसभा चुनाव में विभिन्न राज्यों से उन कार्यकर्ताओं को पहले ही बुला लेती है, जिन्हें कई राज्यों में चुनाव के दौरान सांगठनिक कार्यों का लंबा अनुभव हो। इन जमीनी कार्यकर्ताओं को विधानसभा क्षेत्र की सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक स्थिति के अनुसार रणनीति बनाने में महारत होती है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार में इस बार राष्ट्रीय जनता दल सहित बिखरे हुए कुछ विपक्षी दलों के भाजपा के विरुद्ध अंदरूनी तौर पर एकजुट होने की संभावना से इनकार नहीं किया सकता है इसलिए पार्टी मजबूत रणनीति और तैयारी के साथ चुनाव में उतरना चाहती है। ऐसे में भाजपा संगठन की तैयारी में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहेगी।