मप्र को सब्जी उत्पादन में नंबर एक बनाने के लिए उद्यानिकी विभाग बड़ी तैयारी कर रहा है। खासकर, कीटनाशक मुक्त सब्जी उगाने का अभियान चलाया जाएगा। नई कवायद के तहत मप्र के छोटे किसान, जिनके पास एक से तीन एकड़ जमीन है, को नए सिरे से प्रशिक्षण देकर सब्जी उत्पादक बनाया जाएगा।
अभी किसान जमीन के थोड़े हिस्से में ही सब्जी का उत्पादन करता है। एक बड़ा कारण यह भी है कि किसानों को उनकी उगाई सब्जी का सही दाम नहीं मिलता। अब नए अभियान में न केवल किसानों को सब्जी उत्पादन से जोड़ा जाएगा, बल्कि उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए ऐसे किसानों की सूची तैयार की जा रही है, जो कम जमीन वाले हैं और थोड़ी बहुत सब्जी उगा रहे हैं।
राजस्व विभाग की मदद से जून तक इनकी सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद उनसे संपर्क करके पूरा योजना समझाया जाएगा। जो किसान सहमति देंगे, उन्हें उनकी दिलचस्पी के हिसाब से पहले चरण में प्रशिक्षण दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार, पहले चरण में करीब 6 हजार किसानों को सितंबर या अक्टूबर में प्रशिक्षण मिलेगा।
किसानों को प्रोत्साहित करने योजना में करेंगे सुधार
प्रदेश में सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों को सब्जियां उगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शिवराज सरकार ने सब्जी विस्तार योजना शुरू की थी। इस योजना में सरकार किसानों को सब्जी लगाने के लिए 50 फीसदी अनुदान या अधिकतम 10 हजार रुपए देती है।
योजना के तहत बीज वाली फसल भिंडी, गिलकी, लौकी, टमाटर, कद्दू, ककड़ी जैसी फसलों को शामिल किया गया है। अब इसमें फसलों की संख्या बढ़ाई जाने की तैयारी है। अभी इसमें वर्गवार यानी सामान्य, एससी, एसटी और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले किसानों को शामिल किया गया था। अब जमीन के आधार पर इनका चयन होगा। इसमें जैविक सब्जी पर विशेष अनुदान का प्रावधान किया जाएगा।
मप्र अभी सब्जी उत्पादन में: सब्जी उत्पादन में मप्र अभी किसी भी सब्जी उत्पादन में देश में नंबर एक नहीं है। प्याज, फूलगोभी, ककड़ी, मिर्च, मटर उत्पादन में दूसरे स्थान पर हैं। पत्तागोभी, कद्दू उत्पादन में तीसरे स्थान पर और भिंडी, लौकी के उत्पादन में चौथे स्थान पर हैं।