मप्र सरकार में राजनीतिक नियुक्तियों की कवायद शुरू हो गई है। दो दिन पहले सीएम हाउस में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय स्तर के नेता दीपक विस्पुते के साथ तमाम बड़े नेताओं ने पहली बैठक कर ली है। माना जा रहा है कि मई में या जून के पहले पखवाड़े तक निगम-मंडलों, प्राधिकरणों, आयोग, सहकारी संस्थाओं में अशासकीय पदों पर, नगर निगमों और मंडी बोर्ड में नियुक्तियां होने लगेंगी। सरकार में अभी करीब 1200 पद हैं, जिनमें राजनीतिक नियुक्तियां हो सकती हैं।
एक साल पहले डॉ. मोहन सरकार ने सभी निगम-मंडलों और आयोगों में नियुक्ति राजनीतिक नेताओं से इस्तीफे ले लिए थे। इसके बाद से सभी नई नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं। पिछले तीन-चार महीनों से इन चर्चाओं ने जोर पकड़ा था कि भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने के बाद नियुक्तियां होंगी, लेकिन अब इस बात पर सहमति बन गई है कि नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति जब भी हो, लेकिन इसके लिए राजनीतिक नियुक्तियां न रोकी जाएं। इसी के बाद सीएम हाउस में करीब तीन घंटे तक बड़े नेताओं के बीच बैठक हुई।
इसमें डॉ. यादव व विस्पुते के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह, प्रदेश के सह प्रभारी सतीश उपाध्याय और अजय जमवाल मौजूद रहे। बैठक में तय हुआ कि जल्द से जल्द अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, सदस्य, डायरेक्टर, अशासकीय मेंबर आदि पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएं। सभी को दो साल का वक्त मिल जाएगा। कार्यकाल पूरा हो जाए तो नए लोगों को भी समय पर मौका मिल जाएगा।
बताया जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों की पहल इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से की गई है। इसीलिए माना जा रहा है कि किसको कुर्सी मिलेगी, इसके नाम जल्द सामने आएंगे।
निगम-मंडलों में कब क्या?
अभी तक सिर्फ ये नियुक्तियां
नगर निगमों में ‘माननीयों’ से पूछा जाएगा