ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन (Transcendental Meditation), जिसे टीएम मेडिटेशन के रूप में भी जाना जाता है। यह विचलित करने वाले विचारों से बचने और अपने मन को साधने की एक बहुत ही सरल, प्राकृतिक और सहज तकनीक है। टीएम ध्यान तकनीक भारत की प्राचीन वैदिक परंपरा से ली गई है।
टीएम ध्यान के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि प्रसिद्ध अंग्रेजी संगीत बैंड ’द बीटल्स’ इस ध्यान के बहुत बड़े प्रशंसक थे जिन्होंने इसे सीखने के लिए 1960 के दशक में भारत की यात्रा की थी। और तब से यह विशेष रूप से पश्चिमी दुनिया के बीच लोकप्रिय बना हुआ है। आपको बता दें कि इस भावातीत ध्यान का परचम महर्षि महेश योगी ने फहराया था। उन्होंने साल 1951 में अमेरिका से विश्वयात्रा शुरू की थी। इस विधा को उन्होंने हिप्पियों तक में प्रचलित कर दिया था।
अन्य ध्यान तकनीकों के विपरीत जो आमतौर पर सांस लेने या जप पर ध्यान केंद्रित करते हैं और अपने विचारों को साफ़ करते हैं, टीएम ध्यान मन की एक आरामदायक स्थिति को प्रोत्साहित करता है जो सोच से परे है। इसके अभ्यास से आप जागरूकता की सतह के स्तर से परे जाना सीखते हैं। इसके अलावा, यह ध्यान अपेक्षाकृत आसान और त्वरित ध्यान तकनीकों में से एक है। यह अभ्यास विशेष रूप से नौकरीपेशा और व्यवसायी लोगों के लिए प्रभावी है।
ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन तकनीक का अभ्यास करने वाला व्यक्ति एक आरामदायक स्थिति में बैठता है और चुपचाप मन में बार-बार मंत्र पढ़ता है। जिन मंत्रों का प्रयोग किया जाता है वे प्रायः संस्कृत ध्वनियों या निरर्थक शब्दों के होते हैं। यह मंत्र उनकी व्यक्तिगत विशेषताओं के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है।
ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन या टीएम एक मंत्र-आधारित ध्यान नहीं हो सकता है क्योंकि इसका मुख्य उद्देश्य मन-मस्तिष्क को शांत रखना एवं शरीर की प्राकृतिक शक्ति को बढ़ाना है, हालांकि इस ध्यान तकनीक में मंत्रों का उपयोग शामिल है। इस तकनीक में मंत्रों का उपयोग मन को केंद्रित करने के रूप में किया जाता है ताकि मन को शांत किया जा सके। अपने मंत्र पर ध्यान केंद्रित करने का उद्देश्य सही शांति और चेतना की स्थिति को प्राप्त करना है। मंत्र का यह निरंतर ध्यान आपके मन को एक ही मंत्र पर केंद्रित करता है जो आपके द्वारा बार-बार दोहराया जाता है।
टीएम ध्यान तकनीक को तनाव, मस्तिष्क और हृदय प्रणाली से संबंधित स्वास्थ्य स्थितियों में बहुत फायदेमंद पाया गया है। इस मेडिटेशन को दिन में दो बार सिर्फ 20 मिनट करने से ही तन और मन दोनों पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
आज दुनियाभर में करीब 700 से अधिक वैज्ञानिक अनुसंधानों द्वारा इस मेडिटेशन को सबसे ज्यादा लाभकारी माना गया है। इसको करने से चेतना की उच्च अवस्था का लाभ प्राप्त होता है। इस मेडिटेशन को कलाकार, खिलाड़ी और व्यवसायी अपने प्रदर्शन को अच्छा रखने के लिए नियमित करते हैं। वैज्ञानिक रूप से यह एक तनाव को दूर करने की तकनीक है, ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन (Transcendental Meditation) अभ्यास के सकारात्मक प्रभाव आमतौर पर प्रारंभिक सेशन से दिखाई देने लगते हैं। इस ध्यान को करने से व्यक्ति की आयु में भी वृद्धि होती है।
एक प्रमाणित और अनुभवी टीएम ध्यान शिक्षक को ढूंढकर ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन को सही तरीके से सीखें। आदर्श रूप से, टीएम ध्यान का अभ्यास प्रतिदिन दो बार किया जाता है, एक नाश्ते से पहले और दूसरा रात के खाने से पहले। यहां बताया गया है कि कैसे एक सामान्य टीएम ध्यान अभ्यास आप कर सकते हैं।
ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन के लाभ हमारे जीवन के हर पहलू को कवर करते हैं। इसके व्यापक लाभ निम्नानुसार हैं:
कल्पना करें कि कुछ मिनटों के लिए आप अपने मन और मस्तिष्क को मौन करना चाहते हैं इसलिए आपने कुर्सी पर बैठकर ही आंखें बंद कर ली और आसपास की दुनिया और खुद को भूलकर एक अलग ही दुनिया में चले गए। जहां आपको मानसिक और शारीरिक आनंद की अनुभूति होती है।