इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) का चुनाव चिन्ह 'बैट'(बल्ला) रद्द कर दिया गया है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग की 5 सदस्यीय बेंच ने शुक्रवार को चुनाव चिन्ह छीनने का फैसला किया। इसके साथ ही PTI में होने वाले चुनावों को भी अवैध घोषित कर दिया गया। शुक्रवार को 11 पेज के फैसले में कहा गया कि PTI में नियमों के मुताबिक चुनाव नहीं हो रहे थे।
जियो न्यूज के मुताबिक, PTI में इमरान खान की जगह गौहर अली खान को पार्टी चेयरमैन बनाया गया था। लेकिन, अब चुनाव अवैध घोषित होने से उनका ये पद छिन गया है। फैसला सुनाने से पहले चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया था कि उसे देश में आने वाले चुनावों के लिए दूसरी पार्टियों की तरह ही बराबर मौके दिए जाएंगे।
PTI बोली- फैसले के खिलाफ हर लेवल पर करेंगे अपील
चुनाव आयोग का फैसला आने के कुछ देर बाद ही PTI ने सोशल मीडिया पर कहा था कि वो पाकिस्तान के आम चुनाव जरूर जीतेंगे। वो हर लेवल पर जाकर इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। PTI ने दावा किया कि उनकी पार्टी के सभी कैंडिडेट्स बल्ले वाले चिन्ह के साथ ही चुनाव में उतरेंगे।
पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। अगर तब तक इमरान की पार्टी कोई चुनाव चिन्ह हासिल नहीं कर सकी, तो पार्टी के नेताओं को निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ना होगा। ऐसे में चुनाव जीतने के बाद भी वो PTI में शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि निर्दलीय सिर्फ उन पार्टियों से जुड़ सकते हैं जो चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड हो। ऐसे मामले में इन्हें किसी और पार्टी का हाथ थामना पड़ सकता है।
PTI के लिए अपना चुनाव चिन्ह वापस लेने का सिर्फ एक ही रास्ता है कि वो कोई सीनियर ज्यूडीशियरी पार्टी चुनावों को वैध घोषित कर दे। इससे पहले शुक्रवार को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान को सीक्रेट लेटर चोरी केस (सायफर केस) में जमानत दे दी थी। खान के साथ पार्टी के एक और नेता शाह महमूद कुरैशी को भी जमानत दी गई। दोनों नेताओं को 10 लाख का जुर्माना भरना होगा।
इमरान की पार्टी का चुनाव चिन्ह बल्ला उनके पिछले करियर का सिंबल था। इमरान खान पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके हैं। उनकी कप्तानी में टीम ने 1992 का वर्ल्ड कप भी जीता था।
इमरान के खिलाफ 15 केस ऐसे हैं, जिनमें गिरफ्तारी तय है। इसमें 9 मई 2022 को फौजी ठिकानों पर हमले का केस शामिल है। इसकी सुनवाई मिलिट्री कोर्ट में होनी है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी के लिए मुफ्त जमीन लेने का केस भी है। उन्हें सरकारी खजाने (तोशाखाना) के तोहफे बेचने के मामले में भी सजा सुनाई जा चुकी है।
क्या है सायफर केस
अप्रैल 2022 में सरकार गिरने के बाद इमरान की तरफ से लगातार दावा किया गया कि उनकी सरकार गिराने के लिए अमेरिका और उस वक्त के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने साजिश रची। खान का आरोप है कि उन्हें इस साजिश की जानकारी अमेरिका में उस वक्त के पाकिस्तानी एंबेसेडर असद मजीद खान ने एक सीक्रेट लेटर के जरिए दी थी। डिप्लोमैटिक टर्म में इसी लेटर को साइफर कहा जाता है।
यह सायफर अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट यानी फॉरेन मिनिस्ट्री की तरफ से पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को भेजा गया था। इमरान इस लेटर को पिछले साल कई चुनावी रैलियों में लहराते हुए नजर आए थे। उन्होंने दावा किया था कि उनकी सरकार को अमेरिका के इशारे पर फौज ने गिराया। कानूनी तौर पर ये लेटर एक नेशनल सीक्रेट होता है, जिसे सार्वजनिक जगह पर दिखाया नहीं जा सकता।