2 जून को ओडिशा के बालासोर जिले में बहानगर बाजार स्टेशन के पास शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।
कई लोग अपने डीएनए नमूने जमा करने के बाद अपने घरों को लौट गए हैं क्योंकि उनके पास रहने की कोई व्यवस्था नहीं थी।
एक शख्स ने कहा कि तीन दिन से वह अस्पताल के बाहर पड़ा है लेकिन उसके भाई का शव नहीं मिला है। उसने डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल दे दिया है और अब वापस जाने की तैयारी कर रहा है।
डीएनए टेस्ट के लिए 30 सैंपल लिए गए हैं और उन्हें जांच के लिए दिल्ली एम्स भेजा गया है। लाशें को फ्रीजर वाले कमरों में रख दिया गया है।
बालासोर ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 288 हो गई है। दर्जनों लोग अब भी अस्पतालों के बाहर पड़े हैं।
288 शवों में से 193 को भुवनेश्वर और 94 शवों को बालासोर भेजा गया है। भद्रक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले एक व्यक्ति का शव उसके एक रिश्तेदार को सौंप दिया गया।
ओडिशा के मुख्य सचिव ने कहा कि भुवनेश्वर भेजे गए 193 शवों में से 110 की पहचान कर ली गई है और 83 की पहचान की जानी बाकी है।
डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आने में लगभग 8 से 10 दिन लगेंगे। परिजनों का कहना है कि उसके बाद ही वह शव लेने आएंगे।
2 जून को ओडिशा के बालासोर जिले में बहानगर बाजार स्टेशन के पास शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी।