पेइचिंग । लद्दाख में भारत के साथ जारी तनाव के बीच चीन लगातार कुछ दिनों से तिब्बत में शक्ति प्रदर्शन कर रहा है। अटैक हेलिकॉप्टर की लाइव फायर ड्रिल के बाद चीन ने अपने ग्रेनेड दागने वाले ड्रोन के साथ युद्धाभ्यास किया है। चीन ने अपनी स्पेशल फोर्स के साथ एक्सरसाइज के दौरान ड्रोन को पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया है। बताया जाता है कि यह ड्रोन 25 किलोग्राम तक का भार उठाने में सक्षम है। इसके साथ यह गाइडेड विस्फोटकों को भी फायर कर सकता है। इस ड्रोन का नाम झांफू एच 16-वी 12 है। रोटरी विंग यानी पंखों वाला यह ड्रोन हमला करने के साथ जासूसी और फॉरवर्ड बेस पर तैनात सैनिकों के पास जरूरी साजोसामान भी पहुंचा सकता है। इस ड्रोन का इस्तेमाल पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (ईएलपी) ग्राउंड फोर्स की स्पेशल ब्रिगेड कर रही है।
झांफू एच 16-वी 12 ड्रोन को हारवार नाम की चीनी कंपनी ने बनाया है। कंपनी के अनुसार, यह ड्रोन 17.1 मीटर प्रति सेकेंड तक की हवा और -40 से 85 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान पर आसानी से ऑपरेट कर सकता है। दावा किया गया है कि यह ड्रोन समुद्र तल से 5,834 मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है। इससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि ड्रोन का इस्तेमाल चीन की फोर्स भारत के खिलाफ कर सकती है।यह ड्रोन दो 38 एमएम के स्टेन ग्रेनेड से लैस है। जो 200 मीटर तक सटीकता से निशाना लगा सकती है। इसकी बॉडी कार्बन फाइबर और एल्यूमिनिय से बनाई गई है। जो 18 मीटर प्रति सेकेंड तक की स्पीड से उड़ने में सक्षम है। एक बार चार्ज करने के बाद इस ड्रोन की बैटरी 60 मिनट तक काम कर सकती है। इसे ड्रोन ऑपरेटर 14.4 किलोमीटर की रेंज तक उड़ा सकता है।
इसके पहले सितंबर के आखिरी सप्ताह में भी चीनी सेना ने अक्साई चिन में अपने एडवांस जे-10ए अटैक हेलिकॉप्टर से लाइव फायर ड्रिल किया था। चीन के जे-10 ए अटैक हेलिकॉप्टर को चाइना एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रियल ग्रुप और चाइना हेलीकॉप्टर रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ने विकसित किया है। जबकि इस हेलिकॉप्टर का निर्माण चांगे एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन ने किया है। जे-10 हेलिकॉप्टर को मुख्य रूप से दुश्मन के इलाके में घुसकर हमला करने के लिए विकसित किया गया है। जो एंटी टैंक और एयर टू एयर मिसाइलों से लैस है। इस हेलिकॉप्टर को चीन ने पहली बार 2003 में प्रदर्शित किया था।