प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुयाना में कैरिबियाई देश डोमिनिका ने 'द डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया है। डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन ने PM मोदी को अपने देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा। कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका को वैक्सीन पहुंचाने के लिए PM मोदी को यह अवॉर्ड दिया गया है। गुयाना ने भी मोदी को अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'ऑर्डर ऑफ एक्सिलेंस' और बारबाडोस ने ऑनररी ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस से सम्मानित किया। उन्होंने अवॉर्ड सभी भारतवासियों को समर्पित किया। इसके अलावा दो दिवसीय गुयाना यात्रा में PM मोदी ने कैरिबियाई देशों के प्रतिनिधियों के साथ दूसरे इंडिया-कैरिकॉम समिट में भी हिस्सा लिया।
समिट के इतर प्रधानमंत्री ने कैरिबियाई देशों के प्रतिनिधियों से द्विपक्षीय चर्चाएं कीं। गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान के अलावा PM मोदी ने डोमिनिका के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट और सूरीनाम के राष्ट्रपति चान संतोखी सहित अन्य नेताओं से औपचारिक बातचीत की।
बातचीत के बाद PM मोदी और राष्ट्रपति इरफान ने लोगों को संबोधित भी किया। गुयाना के राष्ट्रपति ने कहा-
PM मोदी का का यहां होना हमारे लिए सबसे बड़ा सम्मान है। वे नेताओं के बीच चैंपियन हैं। मोदी ने शानदार लीडरशिप की है। विकासशील दुनिया को रोशनी दिखाई है। विकास का वो तरीका अपनाया है, जिसे कई लोग अपने देश में अपना रहे हैं।
मोदी ने गुयाना में स्वागत के लिए राष्ट्रपति इरफान का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति इरफान का भारत के साथ विशेष रिश्ता है। वे भारतीय समुदाय के ब्रांड ऐंबैस्डर हैं। PM ने कहा कि वो लगभग 24 साल के बाद गुयाना की यात्रा पर आए हैं। इससे पहले वो एक आम आदमी के तौर पर निजी यात्रा के लिए गुयाना आए थे। किसी भारतीय PM का यह 56 साल बाद गुयाना दौरा है।
G20 समिट में हिस्सा लेने के बाद गुयाना पहुंचे मोदी
इससे पहले PM मोदी ब्राजील में जी20 समिट की बैठक के बाद बुधवार सुबह गुयाना पहुंचे थे। राजधानी जॉर्जटाउन में गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान और प्रधानमंत्री एंटनी फिलिप्स प्रोटोकॉल तोड़कर उनका स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचे। उनके साथ करीब एक दर्जन कैबिनेट मिनिस्टर्स ने भी PM मोदी का स्वागत किया। एयरपोर्ट पर ही उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। गुयाना में PM मोदी को सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरुस्कार 'द ऑर्डर ऑफ एक्सिलेंस' से सम्मान किया जाएगा। इसके अलावा बारबाडोस भी उन्हें 'ऑनररी अवॉर्ड ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस' से सम्मानित करेगा।
PM मोदी 20 और 21 नवंबर को गुयाना की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। वो 56 साल में गुयाना की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उनसे पहले इंदिरा गांधी ने 1968 में गुयाना का दौरा किया था। PM मोदी गुयाना की संसद की विशेष बैठक को संबोधित करेंगे। वे कैरिकॉम-इंडिया शिखर सम्मेलन में भी शामिल होंगे।
साल 2020 में गुयाना में तेल और गैस की खदानों की खोज के बाद इसकी GDP सालाना लगभग 40% की दर से बढ़ रही है। इसके चलते यह व्यापार और इंवेस्टमेंट का केंद्र बन गया है। ऐसे में गुयाना यात्रा के दौरान PM मोदी और गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के बीच एनर्जी और रक्षा संसाधनों से संबंधित डील हो सकती है।
गुयाना के 40% आबादी भारतीय मूल की है। खुद राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के पूर्वज ब्रिटिश शिप से कैरिबियाई देश लाए गए थे।
पिछले साल जनवरी में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली बतौर मुख्य अतिथि भारत आए थे। फरवरी 2023 में उप राष्ट्रपति भरत जगदेव भी भारत आए थे। इस साल फरवरी में गुयाना के प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स ने भी भारत का दौरा किया था।
गुयाना के पास नेचुरल गैस और ऑयल का भंडार
गुयाना 21 कैरिबियाई देशों के ग्रुप कैरिकॉम (CARICOM) का सदस्य है। यह ग्रुप कैरिबियाई देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक, और सामाजिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। गुयाना को "कैरिबियन का अन्न भंडार" भी कहा जाता है। वहीं, पनामा नहर के नजदीकी के कारण गुयाना की स्ट्रैटेजिक लोकेशन भी बढ़ जाती है।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, गुयाना के पास लगभग 11.2 बिलियन बैरल ऑयल रिजर्व और 17 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नेचुरल गैस है। 2020 में नेचुरल गैस और ऑयल रिजर्व मिलने के बाद यहां प्रतिव्यक्ति आय 18,199 डॉलर से अधिक हो गई।
गुयाना और भारत संबंध
मई 1965 में गुयाना की राजधानी जॉर्जटाउन में भारतीय आयोग की स्थापना की गई थी। गुयाना को आजादी मिलने के दो साल बाद ही 1968 में इंदिरा गांधी ने यहां का दौरा किया। 1988 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा और 2006 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत गुयाना की राजकीय यात्रा पर गए थे।
2023-24 में भारत-गुयाना का कुल आपसी ट्रेड 105.97 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। इस दौरान भारत ने गुयाना को 99.36 मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया।
मई 2024 तक, गुयाना लगभग 645,000 बैरल क्रूड ऑयल और गैस का उत्पादन कर रहा था। इसी के मद्देनजर ऑयल एंड नेचुरल गैस की शाखा 'ONGC विदेश' भी यहां लगातार मौके की तलाश रही है। इस साल की शुरुआत में, भारत ने क्रूड ऑयल की सोर्सिंग समेत हाइड्रोकार्बन में सहयोग करने के लिए गुयाना के साथ पांच साल के MoU को मंजूरी दी है।
गुयाना के विदेश सचिव, रॉबर्ट पर्सौड ने मोदी की गुयाना यात्रा को दुनिया की दो सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी के बीच संबंधों में एक जरूरी माइलस्टोन बताया है। इस दौरे पर दोनों देशों के बीच ऊर्जा और रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर , खाद्य सुरक्षा और हेल्थ और तकनीक पर द्विपक्षीय बातचीत हो सकती है।