रूस में सैनिकों की पत्नियां और उनके परिजन प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि जंग लड़ रहे सैनिकों को यूक्रेन से वापस बुलाया जाए। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 20 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें ज्यादातर पत्रकार हैं।
प्रदर्शन 3 जनवरी की सुबह शुरू हुआ। रूस-यूक्रेन जंग के 500वें दिन सैनिकों के परिजन रूसी राष्ट्रपति भवन- क्रेमलिन के बाहर सैनिकों की याद में बनाए गए स्मारक- टूम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर पर जमा हुए थे। उन्होंने मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और यूक्रेन में मौजूद सैनिकों को वापस बुलाए जाने के लिए प्रदर्शन किया।
सैनिक की पत्नी बोली- मैं चाहती हूं कि मेरा पति जिंदा रहे
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक द वे होम ग्रुप के कहने पर प्रदर्शन शुरू हुआ। इस ग्रुप ने टेलीग्राम चैनल पर सैनिकों की पत्नियों, बहनों, माताओं से कहा- सैनिकों की वापसी के लिए आवाज उठाइए। एक सैनिक की पत्नी ने कहा- मैं चाहती हूं कि मेरा पति जिंदा रहे। मैं उनकी जिंदगी के बदले सरकार से कोई मुआवजा नहीं चाहती। मैं बस चाहती हूं कि मेरा पति लौट आए।
जंग में घायल रूसी सैनिक को मुआवजे में मिली थी सब्जियां
इंडिपेंडेंट मीडिया आउटलेट मोजेम ओब्यसनित ने दावा किया है कि जंग में घायल रूसी सैनिकों को मुआवजा में पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। रूस की सरकार ने एक सैनिक को मुआवजे के तौर पर सब्जियां दी है।
रिपोर्ट में कहा गया- 45 साल के ओलेग रयबकिन यूक्रेन के खिलाफ जंग में सितंबर 2022 को शामिल हुए। जून 2023 में वो घायल हो गए। उनके घुटने में चोट आई। लिवर और किडनी पर भी चोट का असर हुआ। रूसी सेना ने उसे लड़ने के लिए अनफिट घोषित कर दिया। इसके बाद उनके परिवार ने मुआवजे की मांग की। सरकार ने पैसों के बदले गाजर और प्याज की बोरियां भेज दीं।
बीमार सैनिकों को लड़ने भेज रहा रूस
हाल ही में यूक्रेन ने दावा किया था कि रूसी सैनिकों में एक रहस्यमयी बीमारी फैल रही है। इसके चलते सैनिकों की आंखें लाल हो रही और वो उल्टियां कर रहे हैं। उनकी किडनी भी फेल हो रही है। यूक्रेन का कहना है कि रूसी सैनिकों ने बीमारी को लेकर अपने कमांडरों से शिकायत की। लेकिन कमांडर शिकायतों को अनसुना करते हुए सैनिकों को जंग के मैदान में भेज रहे हैं। कमांडरों का मानना है कि सैनिक अब लड़ना नहीं चाहते इसलिए बहाने बना रहे हैं।
कई परेशानियों का सामना कर रहे सैनिक
यूक्रेन में जंग लड़ रहे सैनिक ठंड की वजह से कई परेशानियों का सामने कर रहे हैं। 'द सन' की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहे रूसी सैनिकों को दवाएं, फर्स्ट एड, अन्य मेडिकल सुविधाएं, गर्म कपड़े नहीं मिल रहे हैं। यूक्रेन में तापमान माइनस 5 सेलसियस तक पहुंच गया है।
जंग में 87% रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं
अमेरिकी इंटेलिजेंस के मुताबिक रूस-यूक्रेन जंग में अब तक 3 लाख 15 हजार रूसी सैनिकों की मौत हुई है। 24 फरवरी 2022 को शुरू हुई इस जंग के पहले रूसी सेना में 3 लाख 60 हजार सैनिक थे।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक जंग में 87% रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं। जंग ने रूसी सेना को आधुनिक बनाने के पुतिन की कोशिशों को 15 साल पीछे धकेल दिया है। इस नुकसान से उबरने के लिए रूस अपनी सेना में रिहा हुए कैदियों को भर्ती कर रहा है। साथ ही जंग के मैदान में भी भेज रहा है।
पुतिन ने सितंबर 2022 में 3 लाख सैनिकों को इकट्ठा किया था
रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला कर दिया था। सेना को हुए भारी नुकसान के बाद बाद राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने 21 सितंबर 2022 को राष्ट्र के नाम जारी संदेश में 3 लाख सैनिकों की लामबंदी का आदेश जारी किया था। रूस के पास करीब 20-25 लाख रिजर्व सैनिक हैं। हालांकि, रूस का दावा है कि उसके पास 2.5 करोड़ लोगों की रिजर्व फोर्स है।
इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों को इकट्ठा करने को पुतिन ने आंशिक लामबंदी कहा था। पुतिन ने कहा था कि इसमें केवल वही रूसी नागरिक शामिल होंगे, जो अभी रूस की रिजर्व सेना में हैं या पहले भी सेना में काम कर चुके हैं और जिनके पास सेना की ट्रेनिंग का अनुभव है। अब इन सैनिकों के परिजन इनकी वापसी चाहते हैं।