पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) और आसिफ अली जरदारी की पार्टी (PPP) के बीच आज अहम मीटिंग होने जा रही है। ‘जियो टीवी’ की रिपोर्ट के मुताबिक इस मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। इसमें नई केंद्र सरकार का ऐलान हो सकता है।
माना जा रहा है कि इसी दौरान आसिफ अली जरदारी को दूसरी बार प्रेसिडेंट बनाने का ऐलान भी हो सकता है।
कहां अटकी है बात
रिपोर्ट के मुताबिक नवाज शरीफ चाहते हैं कि PPP सरकार में जरूर शामिल हो, क्योंकि अगर ये नहीं होता है तो सरकार के कामकाज में न सिर्फ रुकावट आएगी, बल्कि PPP कभी भी समर्थन वापस ले लेगी और इसका सीधा नुकसान PML-N को होगा। यही वजह है कि नवाज और शाहबाज शरीफ PPP की ज्यादातर मांगें मानने को तैयार हो गए हैं।
PPP की सौदेबाजी का आलम ये है कि वो बलूचिस्तान में भी अपना मुख्यमंत्री चाहती है और इसके लिए नवाज से समर्थन मांग रही है। रिपोर्ट के मुताबिक नवाज और शाहबाज इसके लिए भी तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा वो सीनेट चेयरमैन और नेशनल असेंबली के स्पीकर का पद भी PPP को देने जा रहे हैं। उनकी शर्त बस ये है कि PPP केंद्र सरकार में शामिल हो और बिलावल सरकार में नंबर दो रहें। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ही बनेंगे।
दोनों पार्टियों ने कॉन्टैक्ट एंड कोऑर्डिनेशन कमेटी (CCC) बनाई है। इनके बीच मीटिंग्स का दौर जारी है। ये कमेटी फैसले पर पहुंच चुकी है और सोमवार को आखिरी मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान भी कर दिया जाएगा।
रावलपिंडी के पोलिंग अधिकारी गिरफ्तार
इस बीच, रावलपिंडी के पोलिंग अधिकारी लियाकत अली चट्टा को गिरफ्तार कर लिया गया है। ‘डॉन न्यूज’ के मुताबिक पुलिस ने इसे सुरक्षा के लिहाज से हिरासत बताया है।लियाकत ने शनिवार को स्वीकार किया था कि उन्होंने चुनाव में धांधली की थी। लियाकत ने कहा था- निर्दलीय उम्मीदवार 70-80 हजार वोटों के साथ लीड पर थे। वे जीत रहे थे, लेकिन हमने नकली बैलेट पेपर के जरिए उन्हें हरा दिया। मैं अपने जुर्म की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं।
अधिकारी ने कहा- धांधली में चुनाव आयोग के अध्यक्ष और पाकिस्तान के चीफ जस्टिस भी मिले हुए हैं। हमने चुनाव में हार रहे उम्मीदवारों को 50 हजार वोटों के अंतर से जिताया है। यह सब PTI समर्थन वाले निर्दलीयों को हराने के लिए किया गया। पद से इस्तीफा देते हुए लियाकत ने कहा- मैं मुल्क को तोड़ने के इस जुर्म का भागीदार नहीं बनना चाहता।
आरोपों के बीच पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा ने कहा है कि पोलिंग अधिकारी इस बात का सबूत दें कि चुनावी धांधली में वो शामिल थे। नवाज की पार्टी PML-N की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने भी पोलिंग अधिकारी के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
पर्दे के पीछे से सरकार पर कंट्रोल चाहती है PPP
PPP सरकार में न रहते हुए भी सरकार और संसद दोनों को कंट्रोल करना चाहती है। इसलिए वो सीनेट के चेयरमैन और नेशनल असेंबली के स्पीकर का पद मांग रही है। इस मामले में सबसे बड़ा दांव PPP ने पिछले हफ्ते खेला।
रिपोर्ट के मुताबिक PPP का कहना है कि आसिफ अली जरदारी को प्रेसिडेंट बनाया जाए। इस मामले में बाकी पार्टियां भी आसानी से तैयार हो जाएंगी। 68 साल के जरदारी 2008 से 2013 तक राष्ट्रपति रह चुके हैं।
PPP का कहना है कि मुल्क इस वक्त इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है और ऐसे में प्रेसिडेंट का रोल बहुत अहम हो जाता है। जरूरत इस बात की है कि किसी ऐसे व्यक्ति को प्रेसिडेंट बनाया जाए जो अनुभवी हो और जरदारी इस लिहाज से परफेक्ट चॉइस हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक सिंध और बलूचिस्तान के चीफ मिनिस्टर की पोस्ट भी PPP ही मांग रही है। वो केंद्र सरकार में तो शामिल नहीं हो रही है, लेकिन बाकी कुछ ऐसी मांगें कर रही है, जो साफ तौर पर बताती हैं कि सौदेबाजी के मामले में जरदारी और बिलावल पीछे नहीं रहना चाहते।
जमीयत-उलेमा-ए-इस्लाम के चीफ मौलान फजल-उर-रहमान भी सरकार का हिस्सा बन सकते हैं। इसका मुख्य मकसद अफगानिस्तान को साधना होगा, जो इस वक्त पाकिस्तान के लिए गले की हड्डी बना हुआ है।