अमेरिका के अलबामा राज्य में एक बार फिर से हत्या के मामले में दोषी एलन यूजीन मिलर को नाइट्रोजन गैस से मौत की सजा दी जाएगी। अलबामा के स्टेट अटॉर्नी जनरल स्टीव मार्शल के बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से सजा के लिए तारीख तय करने को कहा।
मिलर ने 1999 में बर्मिंघम में अपने ऑफिस के 3 लोगों की हत्या कर दी गई थी। उसे साल 2000 में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, अब तक इसके लिए कोई तारीख तय नहीं हुई थी।
जहरीले इंजेक्शन से सजा देने की कोशिश नाकाम रही
मिलर को इससे पहले सितंबर 2022 में एक जहरीले इंजेक्शन के जरिए सजा देने की कोशिश की गई थी। हालांकि, इस दौरान वो इंजेक्शन के लिए सही नस नहीं ढूंढ पाए थे, जिसके बाद सजा को टाल दिया गया था। इसके बाद मिलर के वकीलों और अलबामा राज्य में यह समझौता हुआ था कि मिलर को अब नाइट्रोजन गैस के जरिए ही सजा दी जाएगी।
इससे पहले जनवरी में अलबामा के एक और शख्स केनेथ स्मिथ को भी नाइट्रोजन गैस से मौत की सजा दी गई थी। यह इस तरह का पहला मामला था। सजा दिए जाने के बाद दुनियाभर में इसका विरोध हुआ था। UN, यूरोपीय यूनियन (EU) और अब व्हाइट हाउस ने भी इसे लेकर चिंता जताई थी।
चश्मदीद ने कहा था- यह एक डरावनी फिल्म जैसा था
स्मिथ को सजा दिए जाने के दौरान उनके स्पिरिचुअल एडवाइजर (आध्यात्मिक सलाहकार) रेवरेंड जेफ हुड वहां मौजूद थे। द गार्डियन को दिए इंटरव्यू में जेफ ने कहा था- यह एक हॉरर शो जैसा था। इसमें करीब 22 मिनट का समय लगा। इस दौरान स्मिथ ने अपनी मुट्ठियां भींच रखी थीं और उसके पैर कांप रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे वो सांस लेने के लिए तड़प रहा हो।
हुड ने आगे कहा था- स्मिथ को देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे वो एक मछली है, जिसे पानी से निकाल दिया गया है। वो तड़प रहा था। वहां मौजूद सभी लोगों के चेहरे पर डर था। नाइट्रोजन गैस देते ही स्मिथ करीब 4 मिनट तक छटपटाता रहा। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।
स्मिथ को सजा देने के बाद अलबामा के अटॉर्नी जनरल स्टीव मार्शल ने कहा था कि सजा देने का यह तरीका सही साबित हुआ है। राज्य में 43 और लोगों को इसी तरह सजा-ए-मौत दी जाएगी।
स्ट्रेचर से बांधकर नाइट्रोजन गैस दी गई
अलाबामा के जेल अधिकारियों के मुताबिक, जिस शख्स को सजा देनी होती है, उसे एक चैंबर में ले जाकर स्ट्रेचर पर बांधा जाता है। फिर मुंह पर एक इंडस्ट्रियल मास्क पहनाकर उसमें नाइट्रोजन गैस छोड़ी जाती है। इसे सूंघते ही ये गैस पूरे शरीर में फैल जाती है और शरीर के सारे हिस्से काम करना बंद कर देते हैं।
मास्क पहना कर नाइट्रोजन गैस सुंघाने से उल्टी भी हो सकती है, इससे मौत की सजा देने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। नाइट्रोजन गैस सुंघा कर मौत की सजा देना, मुंह को प्लास्टिक से ढंककर जान लेने जैसा है। फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें नाइट्रोजन की बजाय कार्बन डाइऑक्साइड से मौत होती है।
नाइट्रोजन गैस से सजा-ए-मौत का समर्थन करने वाले लोगों का कहना है कि इसे बिना दर्द हुए जान जाती है। जबकि UN और दूसरे एक्सपर्ट्स का मानना है कि नाइट्रोजन गैस से इंसान तड़प-तड़प कर मरता है।