अमेरिका के मिसौरी में बहन और उसके पति की हत्या करने वाले एक दोषी को सजा-ए-मौत दी गई। उसे जहरीला इंजेक्शन लगाया गया।
अमेरिकी मीडिया 'फॉक्स 2 नाओ' के मुताबिक, इंजेक्शन लगने के बाद दोषी 11 मिनट तक तड़पता रहा, फिर उसे मृत घोषित कर दिया गया। मंगलवार शाम 6 बजे उसे लीथल इंजेक्शन लगाया गया। 6:11 पर उसकी मौत हो गई। 52 साल के दोषी ब्रायन डोर्सी ने 2006 में अपनी बहन (कजन) और उसके पति की हत्या की थी।
बहन ने पैसे देने से मना कर दिया था
23 दिसंबर 2006 को दोषी ब्रायन डोर्सी ने ड्रग डीलर्स को देने के लिए बहन सारा से कुछ पैसे मांगे थे। सारा ने पैसे देने से इनकार कर दिया था। इस बात से नाराज होकर ब्रायन अपने घर लौट गया, लेकिन रात को वापस अपनी बहन के घर आया। जब सारा और उसका पति बेन सोने जा रहे थे तभी ब्रायन ने उन पर हमला कर दिया।
दोनों को गोली मार दी। सारा की मौत के बाद उसके शव का यौन शोषण किया। घर से कुछ कीमती सामान चुराया। ड्रग डीलर्स के पैसे चुकाने के लिए ये सामान बेचा दिया। घटना के अगले दिन सारा के पेरेंट्स उसके घर पहुंचे। यहां पति-पत्नी का शव मिला।
हत्या के वक्त कपल की बेटी घर पर ही थी
पुलिस के मुताबिक, सारा और बेन के शव को सबसे पहले सारा के पेरेंट्स ने देखा। जब वो घर पहुंचे तो सारा-बेन की 4 साल की बेटी घर पर टीवी देख रही थी। उसने अपने ग्रैंड-पेरेंट्स से कहा था, "मां उठ नहीं रही हैं।"
घटना के तीन दिन बाद, यानी 26 दिसंबर 2006 को ब्रायन ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। उसे 28 अगस्त 2008 को मौत की सजा सुनाई गई थी।
एक मौत में लग गए थे 26 मिनट
16 जनवरी 2014 को ओहियो जेल में डेनिस मैक्ग्वायर (53) को जानलेवा इंजेक्शन से मौत की सजा सुनाई गई थी। डेथ चेंबर में डेनिस को लाया गया था। बिस्तर पर लिटाकर हाथ पैर और शरीर बांधा गया था।
दूसरी तरफ मौजूद कमरे में परिजन बैठकर यह नजारा शीशे की दीवार से देख रहे थे। डेनिस को 1989 में 22 साल की गर्भवती महिला से अपहरण कर दुष्कर्म करने और उसे मारने के लिए मौत की सजा मिली थी। करीब 10.27 बजे सुबह उसे लीथल इंजेक्शन लगाया गया। डेनिस का बेटा अपने पिता की घड़ी में समय देख रहा था। वह नोट कर रहा था कि कब उन्हें इंजेक्शन दिया गया।
10.30 बजे डेनिस का शरीर तेजी से उछलने लगा, उनके मुंह से ऐसी आवाजें निकल रही थीं जैसे कोई डूब रहा हो, वे तेजी से बिस्तर पर शरीर को पटक रहा था। करीब 10.53 बजे डेनिस की मौत हुई। डेनिस की मौत में 26 मिनट लग गए।
40 साल पहले पहली बार इस्तेमाल
7 दिसंबर को 1982 को चार्ल्स ब्रूक्स जूनियर जहरीले इंजेक्शन से मौत की सजा पाने वाला पहला दोषी बना था। अमेरिका के टेक्सॉस में दवाओं के कॉकटेल को ब्रूक्स के शरीर में डाला गया था, जिससे उसका दिमाग और शरीर सुन्न पड़ गया, वो पैरालाइज हो गया और दिल की धड़कनें रुकने से उसकी मौत हो गई।
जहरीले इंजेक्शन के जरिए हुई इस पहली मौत ने इस बात को लेकर आम लोगों और डॉक्टरों के बीच बहस छेड़ दी थी कि मौत की सजा देने का यह तरीका सही और मानवीय है या नहीं? हालांकि, जहरीले इंजेक्शन से मौत की सजा देने का सिलसिला आज भी जारी है।
जहरीले इंजेक्शन को सजा-ए-मौत देने के दूसरे तरीकों जैसे गैस, बिजली के झटके या लटकाने की तुलना में अधिक मानवीय माना जाता था। इसके पीछे तर्क ये था कि इस इंजेक्शन में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में से एक से गहरी बेहोशी आ जाती है, इससे मरने वाले को दर्द नहीं होता। हालांकि, नैतिकता का उल्लंघन मानते हुए कई डॉक्टर जहरीले इंजेक्शन के विरोध में थे, लेकिन इसके बावजूद इसके इस्तेमाल को मंजूरी मिली।