इजराइल और हमास के बीच जारी जंग के बीच हमास की कैद में मौजूद बंधकों के लिहाज से अच्छी खबर है। अब बंधकों को दवाइयां और दूसरी मेडिकल फैसेलिटीज मिलेंगी। जानकारी के मुताबिक- यह डील फ्रांस, कतर और यूएन के बीच बातचीत के बाद हो सकी।
दूसरी तरफ, फिलिस्तीन के एक डिप्लोमैट ने कहा है कि इजराइल और हमास के बीच जंग में अब किसी सीजफायर की उम्मीद नहीं है।
बंधकों को राहत
कतर के जरिए इजराइल लगातार ये कोशिश कर रहा था कि हमास की कैद में मौजूद बंधकों को कम से कम दवाइयां पहुंचाई जा सकें। इसके बाद फ्रांस ने भी अपने डिप्लोमैट्स को एक्टिव किया और आखिरकर यह डील हो गई।
हालांकि, अब भी इसमें कुछ पेंच नजर आ रहे हैं। सबसे बड़ी दिक्कत तो यही है कि इजराइल चाहता है कि तमाम कंटेनर उसकी सेना चेक करे और इसके बाद ही इन्हें गाजा में भेजा जाए। दूसरी तरफ, हमास ऐसा नहीं चाहता।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को कहा- कुछ परेशानियां हैं, लेकिन इन्हें दूर करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
सीजफायर अब मुश्किल
फिलिस्तीन के डिप्लोमैट हुसैन जोमलोत ने बुधवार को लंदन में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान इजराइल और हमास की जंग में दुनिया की भूमिका और सीजफायर पर मुश्किल सवालों के जवाब दिए।
हुसैन ने कहा- मुझे नहीं लगता कि इजराइल अब हमास को किसी भी रूप में कोई राहत देगा। इसका सबसे बड़ा सबूत तो यह है कि इजराइल ने गाजा की पूरी तबाही के बावजूद अब तक एयरस्ट्राइक बंद नहीं की हैं। हम ये नहीं कहते कि हमास को कितना नुकसान हुआ है, लेकिन इतना तो तय है कि गाजा के आम लोगों के लिए जिंदगी नर्क बन चुकी है।
हुसैन ने कहा- हम चाहते हैं कि दुनिया इस मामले में दखल दे और कम से कम आम लोगों की परेशानियों को दूर करने के रास्ते तलाशे जाएं।