जापान में 1 जनवरी को आए 7.6 तीव्रता के भूकंप के बाद अब भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। 'द गार्डियन' की रिपोर्ट के मुताबिक जापान के मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग का कहना है कि भूकंप से कई सड़कें, इमारतें तबाह हुई हैं। ऐसे में बारिश से मलबा निचले इलाकों में बह सकता है। जिससे लैंडस्लाइड हो सकती है।
इशिकावा में नए साल के पहले दिन आए भूकंप के बाद सुनामी आ गई थी। वाजिमा शहर में करीब 4 फीट ऊंची (1.2 मीटर) लहरें उठीं थीं। हालांकि 1 जनवरी की शाम को सरकार ने सुनामी की हाईएस्ट वॉर्निंग वापस ले ली थी। वहीं, भूकंप से अब तक 64 लोगों की मौत हो चुकी है।
'द गार्डियन' ने जापानी मौसम विभाग के हवाले से बताया कि बुधवार सुबह तक 400 आफ्टरशॉक दर्ज किए गए हैं। इस बीच कुछ सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं। इनमें भूकंप से हुई तबाही नजर आ रही है।
सुजु शहर 90% तबाह
अमेरिका की मैक्सार टेक्नोलॉजी ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। BBC ने जापानी मीडिया क्योडो के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा कि इशिकावा प्रांत का सुजु शहर 90% तबाह हो चुका है।
वाजिमा शहर का दूसरे शहरों से कनेक्शन टूटा
भूकंप का केंद्र वाजिमा शहर में था। लिहाजा सबसे ज्यादा तबाही इसी शहर में हुई। यहां सड़कें टूट गई हैं। दूसरे शहरों से वाजिमा का कनेक्शन भी टूट गया है। यहां मदद नहीं पहुंच पा रही है। लोग शेल्टर होम्स तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
40 घंटे बाद भी लोगों को रेस्क्यू करना मुश्किल
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने बुधवार को कहा- भूकंप के 40 घंटे बाद भी हालात मुश्किल नजर आ रहे हैं। हमें खबरें मिल रही हैं कि कई इलाकों में मदद नहीं पहुंच पा रही है। खराब मौसम के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं।
3 हजार से ज्यादा राहत-बचाव कर्मी जुटे हुए हैं। 57 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका है। पुलिस, दमकल विभाग, लोकल अथॉरिटी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि लोगों तक मदद पहुंच सके।