RBI ने अपनी नीतिगत दर में कटौती की घोषणा करते हुए कहा था कि लगभग 40% कर्ज का पुनर्मूल्यांकन तुरंत हो जाएगा क्योंकि वे बाहरी मानकों (रेपो रेट आदि) से जुड़े हैं, जबकि बाकी कर्ज में दो तिमाही का समय लगेगा। मिश्रा ने स्वीकार किया कि विश्लेषकों ने तीन चरणों में कुल 0.75% की दर कटौती की उम्मीद जताई थी। लेकिन, उन्होंने दोहराया कि नकदी पर ध्यान देना ज्यादा कारगर होगा।
कब ग्रोथ 7% तक पहुंचेगी?
मिश्रा ने यह भी बताया कि आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बाजार को जरूरी नकदी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। एक सवाल के जवाब में मिश्रा ने बाजार में लगातार नकदी बनाए रखने के लिए RBI की ओर से नियमित रूप से खुले बाजार में प्रतिभूतियों की खरीद-फरोख्त का समर्थन किया। उन्होंने सुझाव दिया कि CRR में और कटौती करने के बजाय वृद्धिशील CRR यानी कैश रिजर्व रेशियो की जरूरत को कम करना ज्यादा असरदार होगा।मिश्रा का अनुमान है कि अगर नकदी की स्थिति में तेजी से सुधार होता है और सरकार अपने वित्तीय वादों को पूरा करती है तो वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में GDP विकास दर 7% तक पहुंच सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ सालों में वैश्विक बाजार भारत के विकास के नजरिए से कम महत्वपूर्ण हो गए हैं। हालांकि, वैश्विक घटनाक्रम प्रतिकूल हैं, फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रह सकती है।