कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व भारतीय राजनयिक मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान की तारीफ की है। उन्होंने कहा- पाकिस्तान के लोग प्यार मिलने पर प्यार बरसाते हैं। मैं अब तक जिस भी देश में गया, वहां इतना खुले दिल से स्वागत नहीं किया गया, जितना पाकिस्तान में हुआ।
पाकिस्तानी मीडिया डॉन के मुताबिक, अय्यर ने कहा- मेरे अनुभव से, पाकिस्तानी ऐसे लोग हैं जो शायद दूसरे पक्ष पर जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया करते हैं। यदि हम दोस्ती दिखाते हैं तो पाकिस्तानी उससे ज्यादा दोस्ती दिखाते हैं। यदि हम दुश्मनी दिखाते हैं तो वो ज्यादा दुश्मनी दिखाते हैं।
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर लाहौर के अलहमरा में फैज महोत्सव में शामिल होने पहुंचे थे। इसी कार्यक्रम में 'हिज्र की राख, विसाल के फूल, भारत-पाक मामले' वाले सत्र के दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की। अय्यर ने पाकिस्तान के लोगों को भारत के लिए सबसे बड़ी संपत्ति भी बताया।
कराची में कौंसल जनरल रह चुके हैं अय्यर
अय्यर ने कहा कि जब कौंसल जनरल के रूप में उनकी पोस्टिंग कराची में थी, तो हर कोई उनकी और उनकी पत्नी की देखभाल कर रहा था। उन्होंने अपनी किताब 'मेमोयर्स ऑफ ए मेवरिक' में ऐसी कई घटनाओं के बारे में लिखा है, जो पाकिस्तान को भारतीयों की कल्पना से बिल्कुल अलग देश के रूप में दिखाती हैं।
पहले भी बयानों पर विवादों में घिरे अय्यर, ऐसे 4 स्टेटमेंट...
1. कश्मीर पर PAK नीति पर फख्र
2018 में कराची गए अय्यर ने कहा था कि उन्हें कश्मीर पर पाकिस्तान की नीति पर फख्र है। वो पाकिस्तान से भी उतना ही प्यार करते हैं जितना की हिंदुस्तान से। उन्होंने भारत को नसीहत देते हुए कहा था कि भारत को भी अपने पड़ोसी देश से प्यार करना चाहिए जैसा वो खुद से करते हैं।
2. PAK के लोग हमें दुश्मन नहीं मानते
22 अगस्त 2023 को कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान के लोग हमें दुश्मन नहीं मानते। ये हमारे लिए बहुत बड़ा एसेट (संपत्ति) है। बीते 9 साल से पाकिस्तान से कोई बातचीत नहीं हो रही। इससे वहां की सरकार, आर्मी पर फर्क नहीं पड़ रहा, वहां के लोग परेशान हो रहे हैं। PM नरेंद्र मोदी को छोड़कर करीब-करीब हर प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान से बात की है।
3. PM मोदी को अपमानजनक शब्द कहे थे
2019 में मणिशंकर ने मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था- जो अंबेडकर जी की सबसे बड़ी ख्वाहिश थी, उसे साकार करने में एक व्यक्ति सबसे बड़ा योगदान था। उनका नाम था जवाहरलाल नेहरू। अब इस परिवार के बारे में ऐसी गंदी बातें करें, वो भी ऐसे मौके पर जब अंबेडकर जी की याद में बहुत बड़ी इमारत का उद्घाटन किया गया। मुझे लगता है कि ये आदमी बहुत नीच किस्म का है, इसमें कोई सभ्यता नहीं है। ऐसे मौके पर इस प्रकार की गंदी राजनीति की क्या आवश्यकता है। इस बयान के बाद पार्टी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था।
4. नरसिम्हा राव सांप्रदायिक थे
अगस्त 2023 में मणिशंकर अय्यर ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को सांप्रदायिक बताया था। उन्होंने कहा था- जब बाबरी मस्जिद गिराई जा रही थी, उस दौरान नरसिम्हा राव पूजा कर रहे थे। वे भारत को हिंदू राष्ट्र बताते थे। भाजपा के पहले प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपयी नहीं बल्कि पीवी नरसिम्हा राव थे।
अय्यर ने यह बातें अपनी बुक के लॉन्चिंग प्रोग्राम में कहीं। इसके बाद एक दूसरे इंटरव्यू में अय्यर ने कहा कि नरसिम्हा बस लालकृष्ण आडवाणी का कहना सुनते रहे। उन्हीं के नेतृत्व में बाबरी मस्जिद और धर्मनिरपेक्षता को बर्बाद किया गया।
प्राण प्रतिष्ठा का विरोध करने पर बेटी को नोटिस मिला था
मणिशंकर की बेटी सुरन्या अय्यर ने 20 जनवरी को फेसबुक पोस्ट की थी। इसमें दावा किया था कि वह अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के विरोध में 3 दिन का व्रत कर रही हैं। उनका यह व्रत मुस्लिम नागरिकों के प्रति प्यार और दुख की अभिव्यक्ति है।
इसको लेकर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने मणिशंकर अय्यर और उनकी बेटी सुरन्या अय्यर को दिल्ली के जंगपुरा स्थित घर को खाली करने का नोटिस भेजा था। नोटिस में लिखा गया कि आपको ऐसे अपशब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए जिससे शांति भंग हो सकती है और अन्य निवासियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है।
पाकिस्तान ने राम मंदिर को भारतीय लोकतंत्र पर कलंक बताया था
पाकिस्तान ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की निंदा की थी। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था- हम अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की निंदा करते हैं। यह मंदिर बाबरी मस्जिद को तोड़कर बनाया गया है।
ध्वस्त मस्जिद की जगह पर बना मंदिर आने वाले समय में भारतीय लोकतंत्र के माथे पर कलंक की तरह बना रहेगा। भारत में बढ़ती 'हिंदुत्व' विचारधारा धार्मिक सद्भाव और क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा है। ऐसा करके भारत मुस्लिमों को दरकिनार करने की कोशिश कर रहा है।
PAK बोला- भारत में कई मस्जिदों पर खतरा बना हुआ है
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था- यह मामला 31 साल से चल रहा है। आज मंदिर का उद्घाटन हुआ। यह दिखाता है कि भारत में एक समुदाय को बढ़ावा दिया जा रहा है।
यह भारतीय मुसलमानों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेलने के लिए चल रही कोशिशों में से एक है। वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद समेत कई मस्जिदों पर खतरा बना हुआ है। इन्हें भी तबाह किया जा सकता है।