ताइवान पर कैसे कब्जा करेगा चीन युद्धपोतों की तैनाती के बीच कम्युनिस्ट पार्टी ने जारी किया ब्लूप्रिंट
Updated on
14-09-2023 01:51 PM
बीजिंग: चीन ने मंगलवार को तटीय प्रांत फुजियान और ताइवान के बीच एकीकरण को गहरा करने की योजना को सार्वजनिक किया है। इस योजना में सैन्य शक्ति के प्रदर्शन और युद्धपोतों की तैनाती के साथ ताइवान के साथ सहयोग के लाभों का भी जिक्र है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति और राज्य परिषद ने इस ब्लूप्रिंट को संयुक्त रूप से जारी करते हुए फुजियान को ताइवान के साथ जोड़कर विकास करने का वादा किया है। कम्युनिस्ट पार्टी ने वादा किया है कि वह ताइवान के निवासियों के लिए फुजियान में पहला घर बनाने की खुली छूट देगा। चीन की सरकारी मीडिया ने इसे ताइवान के भविष्य के विकास का ब्लूप्रिंट करार दिया है।
ताइवान के चुनाव को प्रभावित करना चाहता है चीन
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस ब्लूप्रिंट को तब जारी किया है, जब ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव होने जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि चीन की पूरी कोशिश ऐसे दस्तावेज जारी कर ताइवानी चुनाव को प्रभावित करने की है। ताइवान में जनवरी 2024 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। चीन दशकों से लगभग ढाई करोड़ की आबादी वाले जीवंत लोकतंत्र ताइवान पर लगातार सैन्य दबाव बढ़ा रहा है। ताइवान को बीजिंग की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी अपने क्षेत्र के रूप में दावा करती है। हालांकि, ताइवान पर चीन का कभी भी नियंत्रण नहीं रहा है।
ताइवान को घेरने के लिए भेजे दर्जनों युद्धपोत
ताइवानी अधिकारियों के अनुसार, बीजिंग के एकीकरण योजना जारी करने से पहले एक चीनी विमानवाहक पोत और लगभग दो दर्जन चीनी युद्धपोतों को इस हफ्ते ताइवानी जल क्षेत्र के पास इकट्ठा होते देखा गया है। चीन लंबे समय से ताइवान को घेरने की कोशिश कर रहा है। चीन के सभी राजनेता और सेना लगातार ताइवान पर सैन्य आक्रमण की धमकी देते रहते हैं। हाल के वर्षों में चीन और ताइवान के संबंधों में काफी गिरावट आई है। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं है कि ताइवान के लोग चीन के इस प्रस्ताव के प्रति कितना सकारात्मक रुख दिखाएंगे।
ताइवान ने चीनी प्रस्ताव को किया खारिज
बुधवार को ताइवान की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के सांसद वांग टिंग-यू ने कहा कि चीन की एकीकरण की योजना हास्यास्पद है। वांग ने विदेशों में बीजिंग के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए चीनी सरकार से जुड़े प्रयासों का जिक्र करते हुए एक वीडियो संदेश में कहा कि चीन को इस बारे में सोचना चाहिए कि वह अपने दुश्मनों को कैसे याद रखता है। ताइवान के कई दूसरे नेता भी चीन की आलोचना करते रहे हैं। इस साल चीन ने ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इन वेंग और उपराष्ट्रपति विलियम लाई की अमेरिका यात्रा का भी जमकर विरोध किया था।
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