मोदी सरकार अपना खुद का डेमोक्रैसी रेटिंग इंडेक्स निकालने की तैयारी में है। कतर के मीडिया अलजजीरा ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। दरअसल, पिछले कुछ सालों में लोकतंत्र को लेकर भारत की रैंकिंग में लगातार गिरावट आई है। 2021 में अमेरिका के फ्रीडम हाउस संस्था की रेटिंग में भारत को पूरी तरह से लोकतांत्रिक देशों की कैटेगरी से हटाकर आंशिक लोकतंत्र वाले देशों की कैटेगरी में रखा गया था।
वहीं वैराइटी ऑफ डेमोक्रेसी (V-DEM) रिसर्च इंस्टिट्यूट ने कुछ दिन पहले ही डेमोक्रेसी रैंकिंग जारी की। इसमें भारत को 179 देशों में 104वें स्थान पर रखा गया। साथ ही ब्रिटिश अखबार द इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट में भारत के लोकतंत्र में खामियां बताई गई थीं।
167 देशों की इस लिस्ट में भारत को 7.18 स्कोर के साथ 41वीं रैंक मिली थी। इस दौरान रैकिंग गिरने के लिए CAA, NRC और आर्टिकल 370 हटाने जैसे मुद्दों को कारण बताया गया था। भारत लगातार इन अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग का विरोध करता आया है।
'रैंकिंग देने वाले संस्थान पाखंडी, इनका अप्रूवल नहीं चाहिए'
मार्च 2021 में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रैंकिंग देने वाले संस्थानों को पाखंडी बताया था। उन्होंने कहा था- ऐसे संस्थान खुद को दुनिया का संरक्षक मानते हैं। वो यह बर्दाश्त नहीं कर सकते कि भारत में कोई उनके अप्रूवल की तलाश में नहीं है। हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक, इन बयानों के बावजूद भारत सरकार रेटिंग्स को लेकर परेशान रही है।
अब सरकार ने इंडेक्स जारी करने के लिए भारत की संस्था ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) को संपर्क किया है। सरकार ORF के साथ मिलकर डेमोक्रेसी रेटिंग के फ्रेमवर्क पर काम कर रही है। अलजजीरा के मुताबिक, यह इंडेक्स लोकतंत्र को लेकर पश्चिमी देशों के पैमाने की जगह भारत सरकार के रुख से ज्यादा मेल खाएगा।
ORF वही संस्था है जो भारत में विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर रायसीना डायलॉग का आयोजन करती है। इस साल यह डायलॉग 21-23 फरवरी को हुआ था।
डेमोक्रेसी रैंकिंग पर नीति आयोग के साथ ORF की बैठक
सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने अलजजीरा को बताया कि इस साल जनवरी में नीति आयोग ने ORF के साथ बैठक की थी। इस दौरान यह तय हुआ था कि कुछ हफ्तों के अंदर डेमोक्रेसी रैंकिंग जारी की जाएगी। हालांकि, यह रैंकिंग लोकसभा चुनाव से पहले आएगी या बाद में, फिलहाल इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
वहीं एक दूसरे अधिकारी के मुताबिक, ORF ने डेमोक्रेसी इंडेक्स तैयार कर लिया है और कुछ हफ्तों पहले ही यह विशेषज्ञों के पास रिव्यू के लिए भेजा गया था। इसे जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। हालांकि, सरकार ने इन रेटिंग्स को लेकर अब तक कोई बयान नहीं दिया है।
अलजजीरा के पूछने पर नीति आयोग ने साफ किया था कि वो सरकार के लिए कोई डेमोक्रेसी इंडेक्स नहीं बना रहा है। हालांकि, वो इसकी वर्किंग का हिस्सा है या नहीं इस पर जानकारी नहीं दी गई।
मोदी सरकार की रिपोर्ट में भी दूसरे देशों के मुकाबले भारत का स्कोर कम
अलजजीरा ने बताया कि साल 2021 में सरकार ने अलग-अलग मंत्रालयों के साथ बैठक की थी, जिसमें उन्हें 30 ग्लोबल इंडेक्स को मॉनिटर करने के लिए कहा गया था। भारत के अपने आकलन में भी यह पाया गया की दूसरे देशों के मुकाबले देश का स्कोर काफी कम था।
इसके बाद सरकार ने माना कि देश को और बेहतर तरह से काम करने की जरूरत है। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने इस बात को भी स्वीकार किया कि थिंक टैंक, सर्वे करने वाली एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की तरफ से लगातार नकारात्मक बयानों की वजह से वर्ल्डवाइड गवर्नेंस इंडिकेटर (WGI) रिपोर्ट में देश का स्तर गिर सकता है। यह रिपोर्ट वर्ल्ड बैंक जारी करता है।