1 जनवरी 2024 से दुनिया की आबादी 8 अरब को पार कर जाएगी। अमेरिका के सेंसस ब्यूरो ने गुरुवार (28 दिसंबर) को अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है। इसके मुताबिक, पिछले 1 साल में दुनिया की जनसंख्या में करीब 7.5 करोड़ का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में हर सेकेंड 4.3 लोग जन्म लेते हैं जबकि 1 सेकेंड में 2 लोगों की मौत होती है।
अमेरिका के सेंसस ब्यूरो के मुताबिक, 1 जनवरी 2024 को दुनिया की कुल आबादी 8.02 अरब हो जाएगी। 1 जनवरी 2023 ये आंकड़ा 7.94 अरब था। नवंबर 2022 में UN ने अनुमान लगाया था कि दुनिया की आबादी 8 अरब पहुंच गई थी। जनसंख्या में 1 अरब की बढ़ोतरी में करीब 11 साल का समय लगा।
UN ने कहा था- नवंबर 2022 में ही आबादी 8 अरब हो जाएगी
UN सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो जुटेरेस ने जनसंख्या में बढ़ोतरी का श्रेय वैज्ञानिक उपलब्धियों, न्यूट्रिशन, हेल्थ और सैनिटेशन फैसेलिटी में सुधार को दिया था। हालांकि, US सेंसस ब्यूरो के मुताबिक 26 सितंबर, 2023 को दुनिया की आबादी 8 अरब पहुंची। अमेरिका ब्यूरो ने कहा था कि उनके आंकड़े UN से अलग हैं, क्योंकि कुछ देशों में बर्थ और डेथ रेट काउंट करने के लिए सही सिस्टम नहीं है।
सेंसस ब्यूरो ने आशंका जताई है कि अब जनसंख्या को 9 अरब पहुंचने में करीब 14 साल का समय लगेगा। वहीं आबादी 10 अरब होने में 16.4 साल और लग सकते हैं। सेंसस ब्यूरो के मुताबिक, आबादी बढ़ने की दर में कमी की एत वजह फर्टिलिटी रेट कम होना है।
कोरोना के बाद जनसंख्या बढ़ने की दर घटी
वहीं दुनिया में यूथ की आबादी फिलहाल कम है, जिसका सीधा असर आबादी पर पड़ता है। इसके अलावा कोरोना महामारी का भी पॉपुलेशन बढ़ने पर नकारात्मक असर पड़ा है। महामारी की वजह से 2021 में ग्लोबल लाइफ एक्सपेक्टेंसी यानी लोगों की एवरेज एज कम होकर 71 साल हो गई।
फोर्ब्स के मुताबिक, सेंसस ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 1 जनवरी 2024 को अमेरिका की आबादी करीब 33.59 करोड़ पहुंच जाएगी। 1 साल के अंदर इसमें करीब 17.59 लाख की बढ़ोतरी दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी में अमेरिका में हर 9 सेकेंड में 1 बच्चा जन्म लेगा। वहीं हर 9.5 सेकेंड में एक व्यक्ति की मृत्यु होगी।
जन्म दर के घटने के बाद भी क्यों तेजी से बढ़ी आबादी?
आंकड़ों के मुताबिक, 1951 में एक महिला औसतन 5 बच्चों को जन्म देती थी। अब साल 2021 में यह आंकड़ा 2.5 पर आ गया है। पिछले 70 सालों में जन्म दर आधी हो गई है। तो अब सवाल यह उठता है कि जन्म दर आधी हो जाने के बावजूद विश्व की आबादी इतनी तेजी से कैसी बढ़ी?
दरअसल जन्म दर से आबादी की आधी कहानी ही पता चलती है। जब हम मृत्यु दर पर नजर डालते हैं तो पाते हैं कि अब हर साल 1000 लोगों में 7.60 लोगों की मौत होती है, जबकि 1000 लोगों पर हर साल करीब 18 लोगों का जन्म होता है। यानी जन्म दर का आंकड़ा मृत्यु दर से 2 गुना से ज्यादा है। आबादी में बढ़ोतरी का एक अहम कारण यह है।
अप्रैल 2023 में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बना भारत
इससे पहले अप्रैल 2023 में भारत दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया था। यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी थी। इसके मुताबिक, भारत की आबादी चीन से करीब 30 लाख ज्यादा हो गई थी। UN 1950 से दुनिया में आबादी से जुड़ा डेटा जारी कर रहा है। तब से यह पहला मौका था जब भारत की आबादी चीन से ज्यादा हुई।
2050 तक 50% आबादी 8 देशों में होगी
इससे पहले 2022 में आई UN की रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 तक दुनिया की आधी आबादी सिर्फ 8 देशों में होगी। इनमें कांगो, मिस्र, इथियोपिया, भारत, पाकिस्तान, नाइजीरिया, फिलिपींस और तंजानिया शामिल हैं। फिलहाल 46 विकसित देशों की आबादी सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रही है, जिनमें से 32 देश सब सहारा अफ्रीका के हैं।
अनुमान है कि 2050 तक इस इलाके में ही दुनिया की आधे से ज्यादा आबादी रहेगी। उधर, 61 देश ऐसे भी हैं, जिनकी आबादी 2022 से 2050 के बीच घट जाएगी। इनमें सबसे ज्यादा यूरोप के देश शुमार होंगे।