साउथ चाइना सी यानी दक्षिण चीन सागर में चीन और फिलीपींस का टकराव बढ़ गया है। ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक- चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिक मेनेलो से गुरुवार को फोन पर तल्ख लहजे में वॉर्निंग दी।
यी ने एनरिक से कहा कि फिलीपींस को साउथ चाइना सी में अपनी सिक्योरिटी के लिए किसी बाहरी देश (अमेरिका का नाम लिए बगैर) के भरोसे नहीं रहना चाहता, क्योंकि इससे हालात सुधरने के बजाए ज्यादा खराब हो जाएंगे।
हालिया महीनों में इस क्षेत्र में चीन और फिलीपींस के बीच आठ बार सीधा टकराव हुआ। फिलीपींस और अमेरिका के बीच सिक्योरिटी पैक्ट है, इसलिए चीन ज्यादा नाराज है।
समझदारी से काम ले फिलीपींस
रिपोर्ट के मुताबिक- यी ने एनरिक से कहा कि दक्षिण चीन सागर हकीकत में चीन का हिस्सा है और इसलिए फिलीपींस को यहां सतर्कता और समझदारी से काम लेना चाहिए। फिलीपींस के पास वक्त है कि वो सही रास्ते पर लौटे, क्योंकि दोनों देशों के रिश्ते दोराहे पर पहुंच चुके हैं। अब मनीला को फैसला करना है कि वो किस रास्ते पर चलना चाहता है।
चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया- हमारे फॉरेन मिनिस्टर ने एनरिक को बता दिया है कि फिलीपींस बाहरी ताकतों के भरोसे न रहे, क्योंकि उनके इरादे गलत हैं और इससे हालात ज्यादा खराब हो जाएंगे। चीन को अपनी हिफाजत का पूरा हक है और अगर हालात बिगड़ते हैं तो वो इस बारे में कोई भी एक्शन लेने से पीछे नहीं हटेगा।
अमेरिका का नाम लेने से परहेज
साउथ चाइना सी को लेकर चीन का कई देशों से विवाद है और यह कई साल से चला आ रहा है। फिलीपींस ने कई साल पहले अमेरिका के साथ इस इलाके की सुरक्षा के लिए समझौता किया था। सितंबर में इस सिक्योरिटी पैक्ट को न सिर्फ रिन्यू किया गया, बल्कि कुछ नई चीजें जोड़ दी गईं।
इसके बाद से चीन बौखला गया है और उसने हाल ही में फिलीपींस के छोटे जहाजों और फिशिंग बोट्स को घेरने की कोशिश की। इन पर वॉटर कैनन से हमला किया। पिछले हफ्ते तो फिलीपींस कोस्ट गार्ड की एक बोट को टक्कर मारी गई। इस पर मौजूद गार्ड्स को बमुश्किल बचाया जा सका।
बहरहाल, चीन के इस रवैये के बावजूद फिलीपींस ने संयम से काम लिया। उसके विदेश मंत्री एनरिक ने कहा- हालिया विवाद के मद्देनजर मेरी चीन के विदेश मंत्री से खुली और अच्छी बातचीत हुई है। हम दोनों ने तय किया है कि मसले बातचीत से सुलझाए जाएं।
चीन का दावा है कि साउथ चाइना सी का 90% इलाका उसके कब्जे में आता है। दूसरी तरफ, इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल चीन के इस दावे को खारिज कर चुका है। हाल ही में चीन ने यहां कुछ अंडर वॉटर कंस्ट्रक्शन भी किया है। इससे दूसरे देशों के जहाजों को खतरा पैदा हो गया है।
अमेरिका की पैनी नजर
पिछले हफ्ते फिलीपींस की बोट को टक्कर मारे जाने के बाद अमेरिका ने चीन को वॉर्निंग दी थी। अमेरिकी नेवी ने कहा था- चीन साउथ चाइना सी यानी दक्षिण चीन सागर में उकसावे वाले कदम न उठाए, वरना हालात बिगड़ सकते हैं। हालिया वक्त में चीन ने आठवीं बार किसी फिलिपींस की बोट या छोटे शिप को रोकने की कोशिश की है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने भी बयान जारी किया। कहा- हमारा चीन को सुझाव है कि वो साउथ चाइना सी में इस तरह के खतरनाक कदम न उठाए। इससे यह इलाका और भी अस्थिर हो जाएगा। साउथ चाइना सी को हम विवादित क्षेत्र नहीं मानते। इस पर सभी का अधिकार है और यह इंटरनेशनल वॉटर रूट है। अगर कोई एक देश इस पर दावा करता है तो वो सही नहीं है।
मिलर ने कहा- चीन की इन हरकतों से फिलिपींस के नागरिकों की रोजी-रोटी भी खतरे में पड़ जाएगी। यह तो सीधे तौर पर इंटरनेशनल लॉ को न मानना है। चीन नहीं चाहता कि फिलिपींस की फिशिंग बोट्स यहां मछलियां पकड़ें। इसके अलावा फिलिपींस की मुख्य भूमि से कुछ दूरी पर कुछ द्वीप हैं, वहां तक सप्लाई भी इन्हीं बोट्स के जरिए पहुंचाई जाती है।