बीजिंग । उत्तरी
चीन में एक
चिकित्सा स्कूल के बाहर
प्रसिद्ध भारतीय चिकित्सक डॉ
द्वारकानाथ कोटनीस की कांस्य
प्रतिमा का अगले
माह अनावरण किया
जाएगा। चीन का
यह कदम पीड़ितों
की सेवा करने
में डॉ कोटनीस
के योगदान के
प्रति आभार प्रकट
करने वाला है।
सरकारी मीडिया में यह
जानकारी दी गई।
कोटनीस महाराष्ट्र के सोलापुर
के रहने वाले
थे और 1938 में
द्वितीय विश्व युद्ध के
दौरान चीन के
लोगों की मदद
करने के लिए
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा
भेजे गए पांच-सदस्यीय चिकित्सकों के
दल में शामिल
थे। कोटनीस 1942 में
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना
में शामिल हो
गए थे और
उसी वर्ष उनका
निधन हो गया
थ। वह 32वर्ष
के थे। खबर
के मुताबिक कोटनीस
की कांस्य प्रतिमा
का सितंबर में
शिजिआझुआंग के मेडिकल
स्कूल में औपचारिक
रूप से अनावरण
किया जाएगा। उन्हें
चीन में ‘के
दिहुआ’ के नाम
से जाना जाता
है। ‘शिजिआझुआंग के
दिहुआ मेडिकल साइंस
सेकेंडरी स्पेशलाइज़्ड स्कूल’ के अधिकारी
लियू वेनझु के
अनुसार 1992 में स्कूल
की स्थापना के
बाद से 45,000 से
अधिक मेडिकल पेशेवरों
ने यहां से
स्नातक किया है।
उन्होंने कहा कि
सभी नए छात्रों
और कर्मचारियों को
कोटनीस की प्रतिमा
के सामने शपथ
लेनी चाहिए कि
वे उनकी ही
तरह काम करेंगे।
गौरतलब है कि
चीनी क्रांति के
मुश्किल दिनों में कोटनीस
की चिकित्सा सेवा
की चीनी नेता
माओत्से तुंग ने
काफी सराहना की
थी। उनकी सेवाओं
को याद करते
हुए देश के
अनेक शहरों में
उनकी प्रतिमा स्थापित
की गई है।