बीजिंग। चीन का
दोबारा इस्तेमाल किए जाने
योग्य प्रायोगिक अंतरिक्ष
यान दो दिन
पहले कक्षा में
छोड़े जाने के
बाद रविवार को
सफलतापूर्वक अपने निर्धारित
स्थान पर उतर
आया। सरकारी मीडिया
के अधिकारी ने
बताया कि अंतरिक्ष
यान को लॉन्ग
मार्च-2एफ रॉकेट
के जरिये शुक्रवार
को जियूक्वान उपग्रह
प्रक्षेपण केंद्र से रवाना
किया गया था।
यान की सफलतापूर्वक
वापसी चीन के
लिए दोबारा इस्तेमाल
की जाने वाले
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की दिशा
में बड़ी उपलब्धि
है, जिससे और
आसानी से तथा
कम कीमत पर
यान का शांतिपूर्ण
इस्तेमाल किया जा
सकेगा। यान को
अंतरिक्ष में भेजने
से पहले चुप्पी
साधे रहे सैन्य
अधिकारियों ने बताया
कि इस प्रक्षेपण
में कई चीजें
पहली बार हुई
हैं। उन्होंने कहा,
यह अंतरिक्ष यान
नया है, प्रक्षेपण
करने का तरीका
अलग है।
हांगकांग से प्रकाशित साउथ चाइन मॉर्निंग पोस्ट ने रविवार को अपनी खबर में अधिकारी को उद्धृत करते हुए कहा कि उन्होंने मिशन की विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया, लेकिन संकेत दिया कि यह अमेरिका के एक्स-37बी की तरह है। अमेरिका का एक्स-37 बी मानवरहित अंतरिक्ष यान है, जिसका परिचालन ‘स्पेस शटल’ के लघु संस्करण की तरह होता है। इसे रॉकेट के जरिये अंतरिक्ष में भेजा जाता है और वापस यह धरती पर सामान्य विमान की तरह हवाई पट्टी पर उतरता है। अखबार के मुताबिक अबतक एक्स-37बी को अलग-अलग भार और उड़ान के समय के साथ पृथ्वी की कक्षा में चार बार गोपनीय तरीके से भेजा गया है। चीन द्वारा जुलाई के अंत में देश के पहले मंगल मिशन पर तियेनवेन-1 को भेजने के हफ्तों बाद शुक्रवार को दोबारा इस्तेमाल जाने योग्य अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपित किया गया। चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन ने कहा कि मंगल मिशन पर भेजे गए यान में ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर है और वह सही दिशा में बढ़ रहा है। एक महीने पहले ही चीन ने अमेरिका के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) को टक्कर देने के लिए बाइडू नेविगेशन नेटवर्क का काम पूरा किया है।