चीन ने अमेरिका से कहा है कि वो चीनी छात्रों को परेशान करना बंद करे। ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में दोनों देशों के नेताओं-अधिकारियों की मुलाकात हुई।
इस दौरान चीन के पब्लिक सिक्योरिटी मिनिस्टर वांग शियाओहोंग ने अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी एलेजांद्रो मयोरकास से कहा- अमेरिकी एयरपोर्ट पर चीनी छात्रों से डॉक्यूमेंट्स होने के बावजूद सख्त पूछताछ की जाती है। कई बार तो उन्हें वापस चीन भेज दिया जाता है। बिना मतलब इतनी सख्ती बरतना सही नहीं है।
चीन के मंत्री ने कहा- अमेरिका हमारे स्टूडेंट्स को परेशान करना बंद करे और यह सुनिश्चित करे कि चीनी नागरिकों-छात्रों को बिना भेदभाव और सम्मान के साथ एंट्री मिले।
चीनी नागरिकों-छात्रों पर अमेरिका की सख्ती क्यों...
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हालिया साल में चीनी नागरिकों ने अमेरिका में टूरिस्ट बनकर जासूसी की है। फरवरी 2023 में अमेरिका ने चीन के एक स्पाय बैलून को मार गिराया था। रिपोर्ट के मुताबिक- चीन के नागरिक अमेरिका में खुफिया जानकारी जुटाते हैं और बाद में इसे चीन पहुंचा देते हैं।
चीन की वजह से अमेरिका में ड्रग प्रॉब्लम
अमेरिका चीन से दवाएं इम्पोर्ट करता है। चीन से एक्सपोर्ट होने वाली दवाओं में काफी मात्रा में फेंटानिल होता है। अमेरिका ने हाल ही के दिनों में चीन पर आरोप लगाए थे कि वो फेंटानिल वाली दवाओं से अमेरिका में नशे के कारोबार को बढ़ावा दे रहा है। US में फेंटानिल ड्रग के इस्तेमाल से हर साल 70 हजार से ज्यादा लोगों की मौत होती है।
'अमेरिका चीन को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है'
चीन के विदेश मंत्री किन गैंग ने पिछले साल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था- अमेरिका हमें अपना सबसे बड़ा दुश्मन और विश्व राजनीति में सबसे बड़ी चुनौती मानता है। अमेरिका कहता है कि उसे चीन के साथ जंग न करते हुए संबंधों बेहतर करने हैं। लेकिन असल में उसका मतलब होता है कि बेइज्जती या हमला होने पर भी हम उनको जवाब न दें। ये मुमकिन नहीं है। अगर अमेरिका इस व्यवहार को रोकता नहीं है तो कोई भी बयान हालात को बेकाबू होने से नहीं रोक पाएगा।