चीन ने अमेरिका जाने वाले अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है- अमेरिका में चीनी नागरिक अपनी सुरक्षा का खासतौर पर ध्यान रखें। वहां अनजाने खतरों और हालात का सामना करना पड़ सकता है। उनकी तलाशी भी जा सकती है।
चीन की एडवाइजरी ऐसे वक्त सामने आई है, जबकि हालिया वक्त में चीन के कई नागरिकों को अमेरिकी शहरों में तलाशी और पूछताछ का सामना करना पड़ा है। चीन ने अमेरिका के सामने इस बारे में विरोध भी दर्ज कराया था।
चीन ने क्या कहा
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा- हमारे कई नागरिकों से अमेरिका में बिना वजह के पूछताछ की गई। उन्हें मेंटली टॉर्चर किया गया। खासतौर पर अमेरिकी एयरपोर्ट्स पर उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। उनके फोन, लैपटॉप और दूसरे गैजेट्स को बारीकी से स्कैन किया जा रहा है। कई मामलों में तो उनके पार्ट्स को अलग करके भी चेक किया गया है।
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा- हमने और अमेरिका में मौजूद हमारी एम्बेसी ने इस बारे में अमेरिकी अधिकारियों के सामने विरोध दर्ज कराया है। इसलिए यह ट्रेवल एडवाइजरी जारी की गई है कि चीनी नागरिक जो अमेरिका में हैं या वहां जाने वाले हैं, वो अपनी हिफाजत का खास ध्यान रखें। अगर उन्हें किसी तरह की दिक्कत होती है तो एम्बेसी या कॉन्स्युलेट्स में संपर्क करें।
8 नागरिकों का उदाहरण
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा- नवंबर 2023 से मार्च तक हमारे 8 स्टूडेंट्स को रोका गया। उनके पास तमाम जरूरी डॉक्यूमेंट्स थे, लेकिन फिर भी उनसे पूछताछ की गई। कुछ स्टूडेंट्स को बिना किसी कारण के मुल्क वापस भेज दिया गया।
इसी साल जनवरी में चाइना साइंस डेली ने एक रिपोर्ट में कहा था- हमारा एक स्टूडेंट अमेरिका में पीएचडी कर रहा था। उसे बिना किसी वजह के डलास एयरपोर्ट से चीन वापस भेज दिया गया। वो अब तक अमेरिका वापस नहीं जा सका है। इस स्टूडेंट को हिरासत में लेकर 8 घंटे पूछताछ की गई थी। इसके अलावा उसे 12 घंटे अलग-थलग रखा गया था।
बातचीत बेनतीजा
पिछले महीने चीन ने आरोप लगाया था कि अमेरिका में चीनी स्टूडेंट्स को परेशान किया जा रहा है। इस मामले में दोनों देशों के अफसरों के बीच ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में बातचीत भी हुई थी।
इस दौरान चीन के पब्लिक सिक्योरिटी मिनिस्टर वांग शियाओहोंग ने अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी एलेजांद्रो मयोरकास से कहा था- अमेरिकी एयरपोर्ट पर चीनी छात्रों से डॉक्यूमेंट्स होने के बावजूद सख्त पूछताछ की जाती है। कई बार तो उन्हें वापस चीन भेज दिया जाता है। बिना मतलब इतनी सख्ती बरतना सही नहीं है। अमेरिका हमारे स्टूडेंट्स को परेशान करना बंद करे और यह सुनिश्चित करे कि चीनी नागरिकों-छात्रों को बिना भेदभाव और सम्मान के साथ एंट्री मिले।
दरअसल, हाल ही में अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हालिया साल में चीनी नागरिकों ने अमेरिका में टूरिस्ट बनकर जासूसी की है। फरवरी 2023 में अमेरिका ने चीन के एक स्पाय बैलून को मार गिराया था। रिपोर्ट के मुताबिक- चीन के नागरिक अमेरिका में खुफिया जानकारी जुटाते हैं और बाद में इसे चीन पहुंचा देते हैं।
अमेरिका चीन से दवाएं इम्पोर्ट करता है। चीन से एक्सपोर्ट होने वाली दवाओं में काफी मात्रा में फेंटानिल होता है। अमेरिका ने हाल ही के दिनों में चीन पर आरोप लगाए थे कि वो फेंटानिल वाली दवाओं से अमेरिका में नशे के कारोबार को बढ़ावा दे रहा है। US में फेंटानिल ड्रग के इस्तेमाल से हर साल 70 हजार से ज्यादा लोगों की मौत होती है।