अर्जेंटीना ने ब्रिक्स में शामिल होने से इनकार कर दिया है। देश के नए राष्ट्रपति जेवियर मिलेई ने नए सदस्य देशों की सूची से अर्जेंटीना का नाम हटा लिया है। इसके लिए उन्होंने भारत सहित दूसरे ब्रिक्स लीडर्स को लेटर लिखा। मिलेई ने कहा- अर्जेंटीना के लिए फिलहाल ब्रिक्स का सदस्य बनना सही नहीं है, लेकिन हम ट्रेड और इनवेस्टमेंट फ्लो बढ़ाने के लिए इस संगठन के साथ द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना चाहते हैं।
दरअसल, 1 जनवरी को 6 नए देश आधिकारिक तौर पर ब्रिक्स के सदस्य बनने वाले थे। इनमें मिस्र, ईरान, इथियोपिया, सऊदी अरब, UAE और अर्जेंटीना का नाम शामिल किया गया था। राष्ट्रपति मिलेई ने कहा- पिछली सरकार ने जो फैसला किया था, हमने उसे बदल दिया है। हमारी सरकार की विदेश नीति कई मामलों में पिछली सरकार से अलग है।
दरअसल, अर्जेंटीना में नवंबर में राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए थे। इसमें दक्षिणपंथी नेता जेवियर मिलेई ने जीत हासिल की। उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति और वामपंथी नेता और पूर्व वित्त मंत्री सर्जियो मासा को शिकस्त दी। अगस्त 2023 में हुई ब्रिक्स समिट में अर्जेंटीना ने संगठन का सदस्य बनने के लिए अप्लाई किया था। इसमें उन्हें चीन का पूरा सपोर्ट मिला था।
कम्युनिस्ट विरोधी है अर्जेंटीना के नए राष्ट्रपति
हालांकि, नए राष्ट्रपति मिलेई चीन विरोधी हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार के वक्त उन्होंने चीनी सरकार को हत्यारा कहा था। साथ ही उन्होंने कभी भी कम्युनिस्ट के साथ काम न करने का वादा किया था। चुनावी रैली के दौरान मिलेई ने कहा था कि हम जियो-पॉलिटिकल लेवल पर अमेरिका और इजराइल के साथ हैं। हम कभी भी कम्युनिस्ट्स के सहयोगी नहीं बनेंगे।
चीन भले ही साउथ अमेरिका में अपना निवेश बढ़ा रहा हो, लेकिन हम उनके साथ कोई कूटनीतिक रिश्ते नहीं बनाएंगे। BBC के मुताबिक, ब्राजील और चीन इस वक्त अर्जेंटीना के 2 सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर हैं। इसके बावजूद मिलेई ने इन दोनों देशों से ये पार्टनरशिप खत्म करने का वादा किया था।
आर्थिक संकट से जूझ रहा अर्जेंटीना
मिलेई लगातार इस बात पर जोर देते आए हैं कि पिछली सरकार देश के फंड्स को खत्म कर चुकी है, जिसकी वजह से देश महंगाई और आर्थिक तंगी के रास्ते पर जा रहा है। BBC के मुताबिक, जेवियर इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
यहां कई चीजों के दाम में एक साल के अंदर 150% से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके साथ ही देश में नकदी की कमी और सरकार पर कर्ज भी लगातार बढ़ता जा रहा है। अर्जेंटीना में करीब 40% लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं।
अर्जेंटीना के ट्रम्प कहलाते हैं 'मैड मैन' जेवियर मिलेई
जेवियर मिलेई को अर्जेंटीना का डोनाल्ड ट्रम्प कहा जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई मामलों में दोनों नेताओं की सोच काफी मिलती है। इसके अलावा मिलेई चुनाव प्रचार में भी ट्रम्प की राजनीतिक शैली कै इस्तेमाल करते थे। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक- जेवियर को उनके आलोचक अकसर 'मैड मैन' यानी ‘पागल आदमी’ कहते हैं।
कैम्पेन के दौरान जेवियर ने ब्यूरोक्रेसी और सरकारी खर्च में जबरदस्त कटौती का वादा किया था। वो कल्चर, वुमन, हेल्थ और एजुकेशन मिनिस्ट्री बंद करना चाहते हैं। इलेक्शन कैम्पेन के दौरान जेवियर आरी लेकर चलते थे। दरअसल, वो मतदाताओं को यह मैसेज देना चाहते थे कि सरकारी खर्च ने देश को तबाह कर दिया है और इसमें सख्ती से कटौती की जाएगी। हालांकि, आलोचना के बाद उन्होंने ऐसा करना बंद कर दिया।
6 देशों को मिला था ब्रिक्स में शामिल होने का न्योता
24 अगस्त को जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स समिट के दौरान 6 देशों को संगठन में जुड़े का न्योता दिया गया था। साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने बताया था कि पहले फेज की बैठक में इन देशों को संगठन का मेंबर बनने का न्योता दिया गया है।
नए सदस्य को बधाई देते हुए PM मोदी ने कहा था- भारत ने ब्रिक्स विस्तार का हमेशा समर्थन किया। इन सभी देशों से हमारे गहरे और ऐतिहासिक रिश्ते हैं। जो भी देश पहले फेज में इस संगठन से नहीं जुड़ पाए हैं, उनको सदस्यता दिलाने के लिए भारत पहल जारी रखेगा।