रूस में गुरुवार (9 मई) को 79वां विक्ट्री डे मनाया गया। इसी दिन सोवियत यूनियन ने वर्ल्ड वॉर 2 में नाजी जर्मनी को हराया था। पुतिन क्रेमलिन से रेड स्क्वायर पहुंचे, जहां परेड का आयोजन किया गया। पुतिन ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि रूस दुनिया में हो रही जंग को बढ़ावा नहीं देना चाहता, लेकिन कोई भी हमें धमका नहीं सकता। उन्होंने पश्चिमी देशों को चेताते हुए कहा कि रूस की सेना हर समय जंग के लिए तैयार है।
विक्ट्री डे परेड में 9 हजार से ज्यादा सैनिकों ने हिस्सा लिया। इसमें यूक्रेन में लड़ चुके हैं सैनिक भी शामिल हुए। परेड में 70 से ज्यादा टैंक और बख्तर बंद गाड़ियां दिखाई दी। इसमें वर्ल्ड वॉर 2 में यूज हुआ T-34 टैंक के साथ इस्कंदर-एम बैलिस्टिक मिसाइल, एस-400 एयर एयर डिफेंस सिस्टम और यार्स इटरकॉटिनल बैलिस्टिक मिसाइल शामिल थी।
पिछले साल खराब मौसम के चलते फ्लाईबाई को रद्द कर दिया गया है। ये परेड ऐसे समय में हो रही है, जब रूस को यूक्रेन से जंग में कड़ी टक्कर मिल रही है। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुताबिक, जंग में अब तक रूस के 1 लाख सैनिक मारे जा चुके हैं।
पुतिन के भाषण के 4 अहम पॉइंट्स
पश्चिमी देश वर्ल्ड वॉर 2 के सबक को भूल रहे हैं। हमें याद है कि तब मॉस्को, लेनिनग्राद, रेजेव, स्टेलिनग्राद, कुर्स्क, खार्किव कीव और क्रीमिया तक खूनी लड़ाई लड़ी गई थी। नाजी जर्मनी ने बिना शर्त रात 11:01 आत्मसमर्पण किया था।
पुतिन ने चीन के लोगों की जापान के खिलाफ लड़ाई को भी याद किया।
पुतिन ने कहा कि देश मुश्किल दौर से गुजर रहा। हमारी मातृभूमि का भविष्य हम पर निर्भर है।
अभिमान से भरे पश्चिमी देश दुनिया को जंग में धकेलने की कोशिश कर रहे हैं। रूस ऐसा नहीं होने देगा।
हमारे परमाणु हथियार हमेशा इस्तेमाल के लिए तैयार हैं।
रूस-यूक्रेन के बीच 2 साल से ज्यादा समय से जंग जारी
24 फरवरी 2024 को दो साल पूरे रूस-यूक्रेन जंग को हो गए थे। 2 साल पहले इसी दिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला किया था। पुतिन ने उस समय इसे मिलिट्री ऑपरेशन बताया था। इस हमले में अब तक 40 लाख से ज्यादा यूक्रेनी नागरिकों को देश छोड़ना पड़ा है। ये लोग अब अन्य देशों में रिफ्यूजी की तरह रह रहे हैं। 65 लाख से ज्यादा यूक्रेनी देश में ही बेघर हो गए हैं।
यूक्रेन के 10 हजार आम नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 18,500 लोग घायल हुए हैं। यूक्रेन का दावा है कि रूस 3.92 लाख सैनिक गंवा चुका है। इस बीच अमेरिका ने रूस की 500 रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए था। इधर, रूस ने भी यूरोपियन यूनियन (EU) की कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए थे।