पाकिस्तान के केयरटेकर PM अनवार-उल-हक काकड़ ने कहा है कि बलूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाले आतंकियों को भारत और यहां की खुफिया एजेंसी रॉ से फंडिंग मिलती है। पाकिस्तान के 'द डॉन' के मुताबिक, लाहौर में बिजनेस फैसिलिटेशन सेंटर में 20 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान काकड़ ने करीब 15 मिनट इसी मुद्दे पर बात की।
काकड़ ने कहा- हिन्दुस्तान में कोई ISI के पैसों से लड़कर देखे कि उनका क्या हाल होगा। हमारी लड़ाई बलोचिस्तान के सशस्त्र संगठनों के खिलाफ है। बलूचों के नहीं। प्रदर्शन कर रहे लोगों को ये समझना होगा कि उनके परिजन देश के खिलाफ काम कर रहे थे। ये विदेश मदद से किया गया एक सशस्त्र विद्रोह है।
पाकिस्तान में 4 बलूचों की मौत के खिलाफ प्रदर्शन
काकड़ ने कहा कि बलूचिस्तान के 98 प्रतिशत लोग आज भी पाकिस्तान के साथ हैं। ये 1971 नहीं है। बलूचिस्तान बांग्लादेश नहीं है, जो अलग हो जाएगा। दरअसल, 23 नवंबर 2023 को पाकिस्तान के काउंटर-टेररिजम डिपार्टमेंट (CTD) ने एक ऑपरेशन चलाकर 4 संदिग्ध आतंकियों को ढेर किया था। इनमें बलाच मोला बख्श नाम का युवक भी शामिल था।
पुलिस ने दावा किया था कि उनके पहुंचते ही आतंकियों ने हथियारों और ग्रेनेड के साथ हमला कर दिया था। हालांकि, बख्श के परिजन इसे फेक एनकाउंटर बता रहे हैं। ऑपरेशन का विरोध करते हुए बलूचिस्तान के लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया।
बलूचिस्तान के ही रहने वाले हैं केयरकेटर PM काकड़
लोगों ने बलूचिस्तान से इस्लामाबद तक करीब 16 सौ किमी लंबी मार्च निकाली। लोगों की मांग थी कि CTD से हथियार जब्त किए जाएं और उनकी गिरफ्त में मौजूद बलोच को आजाद किया जाए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के केयरटेकर PM काकड़ भी बलूचिस्तान से ही हैं, इसलिए इस मामले में उनकी आलोचना हो रही है।
केयरटेकर PM ने आगे कहा- जो लोग इस प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं उन्हें भी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी में शामिल हो जाना चाहिए। अब तक करीब 90 हजार मासूमों की मौत हो चुकी है औऱ इसके लिए सिर्फ 9 लोगों को ही सजा मिली है।
काकड़ बोले- पाकिस्तान का जस्टिस सिस्टम कमजोर
पाकिस्तान का जस्टिस सिस्टम कमजोर है और वो आतंकियों को सजा नहीं दे पा रहा है। इस मामले में ह्यूमन राइट्स के समर्थकों ने कभी आरोपियों के खिलाफ आवाज नहीं उठाई। काकड़ ने आगे कहा- शांति से प्रदर्शन करने का सबको अधिकार है।
पुलिस कार्रवाई तब करती है, जब हालात बेकाबू होने लगते हैं। 9 मई को भी पाकिस्तान में यही हुआ था। इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन हिंसा में बदल गया था। इसके बाद ही पुलिस ने मामले में दखल दिया था।
क्या है बलोच नेशनल मूवमेंट?
बलूचिस्तान पाकिस्तान का एक प्रांत है। इसकी राजधानी क्वेटा है। यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य है। इसकी सीमा ईरान और अफगानिस्तान से लगती है। यहां पर सोना, तांबा के साथ ही कई तरह के मिनरल्स के खदान है। इनसे पाकिस्तान को काफी फायदा होता है।
बलूचिस्तान के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार इस क्षेत्र से इतना फायदा लेने के बावजूद यहां के लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही। 1948 से ही यहां के लोग पाकिस्तान सरकार के विरोध में है। वे पाकिस्तान से आजादी की मांग करते आए हैं।
वहां के लोग बलोच नेशनल मूवमेंट नाम से आंदोलन चला रहे हैं। इसका मकसद बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आजाद कराना है। बलूच लिबरेशन आर्मी का गठन 1970 के दशक में हुआ था। वहीं माजिद ब्रिगेड का अस्तित्व 2011 में आया। माजिद ब्रिगेड का नाम कराची स्टॉक एक्सचेंज और ग्वादर अटैक में भी आ चुका है।