पाकिस्तान में नए साल 2024 के मौके पर किसी तरह के जश्न मनाने पर सरकार ने रोक लगा दी है। ये फैसला इजराइल और हमास के बीच जारी जंग में फिलिस्तीनियों के मारे जाने की वजह से लिया गया है।
केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकर ने गुरुवार रात देश के नाम संदेश में इसका ऐलान किया। काकर ने कहा- फिलिस्तीनियों के दुख और तकलीफ में हम उनके साथ हैं। लिहाजा, पाकिस्तान में कोई भी नए साल का जश्न नहीं मनाएगा। गाजा में 21 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। इनमें 9 हजार से ज्यादा बच्चे हैं।
7 अक्टूबर के बाद हालात बदले
काकर ने टीवी पर यह संदेश दिया। कहा- फिलिस्तीन को पाकिस्तान की तरफ से दो बार मदद भेजी जा चुकी है और तीसरी खेप हम भेजने जा रहे हैं। इजराइल ने 7 अक्टूबर को गाजा पर हमला बोला था। हम फिलिस्तीनियों के दुख में शामिल हैं।
काकर ने कहा- पूरा पाकिस्तान और मुस्लिम वर्ल्ड इस वक्त गुस्से से भरा हुआ है। गाजा में मासूम बच्चे मारे जा रहे हैं। निहत्थे लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। यही हैवानियत वेस्ट बैंक में दिखाई जा रही है। हमने हर ग्लोबल फोरम पर फिलिस्तीनियों के लिए आवाज उठाई है और आगे भी यही काम करेंगे। अब वक्त आ गया है जब दुनिया एक सुर में इजराइल को रोके।
उन्होंने आगे कहा- पाकिस्तान सरकार इस वक्त जॉर्डन, इजिप्ट और तुर्किये सरकार से बातचीत कर रही है। हम गाजा में ज्यादा से ज्यादा मदद पहुंचाना चाहते हैं। इसके अलावा घायल फिलिस्तीनियों को गाजा से निकालना चाहते हैं।
हमास चीफ ने मांगी थी मदद
करीब 10 दिन पहले इजराइल और हमास की जंग के बीच पाकिस्तान में हमास नेताओं और इस्लामिक स्कॉलर्स की कांफ्रेंस हुई थी। इसमें हमास की पॉलिटिकल विंग के चीफ इस्माइल हानिया ने कहा था- इस्लामिक देशों में पाकिस्तान इकलौती एटमी ताकत है। अगर वो इजराइल को धमकी दे तो जंग थम जाएगी। मुस्लिम देशों में पाकिस्तान ही वो देश है जो इजराइल को पीछे हटने पर मजबूर कर सकता है।
हमास के नेता इस कांफ्रेंस में वीडियो कॉल के जरिए जुड़े थे। उन्होंने पाकिस्तान को बहादुर देश बताया था जो इस्लाम के लिए लड़ता है। इसके पहले पाकिस्तान के कुछ कट्टरपंथी मजहबी नेताओं ने कतर की राजधानी दोहा में हमास के चीफ हानिया से मुलाकात की थी। ‘फॉक्स न्यूज’ के मुताबिक- इस कॉन्फ्रेंस को दो ऑर्गनाइजेशन ने मिलकर कराया था।
हानिया ने आगे कहा था- दुनिया में जितने भी मुस्लिम हैं, अगर उनका कोई सबसे बड़ा दुश्मन है तो वो बेशक इजराइल है। जंग में मारे गए लोगों को मैं शहीद कहता हूं। इतना कुछ झेलने के बावजूद हम इजराइल के आधुनिक हथियारों का मुकाबला कर रहे हैं। उम्मीद है कि आखिर में जीत भी हमारी ही होगी।
PAK ने इजराइल से खरीदे थे फोन हैकिंग डिवाइस
जुलाई में इजराइली मीडिया में एक खबर आई थी कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां दुश्मन मुल्क इजराइल में बने फोन हैकिंग डिवाइस या टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक- पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) के अलावा कुछ पुलिस यूनिट्स भी इस टेक्नोलॉजी का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रही हैं और ये काम 2012 से जारी है। हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तान दुनिया के उन चुनिंदा मुल्कों में शुमार है, जिसने इजराइल को मान्यता नहीं दी है।
इजराइल ने एक इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसके मुताबिक- पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसियों के अलावा कुछ पुलिस यूनिट भी इजराइल की फोन हैकिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक- पाकिस्तान ने सबसे पहले 2012 में इजराइल की टेक्नोलॉजी फर्म सेलिब्रिटी से कॉन्ट्रैक्ट किया था। सबसे पहले इसका UFED प्रोडक्ट खरीदा गया। इसका इस्तेमाल खास तौर पर लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसीज करती हैं। दुनिया में कई देशों की इंटेलिजेंस एजेंसियों के पास इजराइली फर्म की यह स्पेशल स्पाई डिवाइस मौजूद हैं।
UFED के जरिए पासवर्ड प्रोटेक्टेड फोन का भी डेटा चुराया जा सकता है। इसके अलावा टैक्स्ट मैसेज, कॉल, वीडियो और फोटो भी हासिल किए जा सकते हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसीज अपने ही देश में भी इन डिवाइस का इस्तेमाल करती रही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक- पाकिस्तान की खुफिया एजेंसीज ने UFED और बाकी प्रोडक्ट्स को 2019 में सिंगापुर से खरीदना शुरू किया। इसकी वजह यह थी कि उसे सच सामने आने का डर था। सिंगापुर में इस इजराइली फर्म की एक यूनिट मौजूद है।