कनाडा का कहना है कि उसके और भारत के रिश्ते सुधर रहे हैं। कनाडा की नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जोडी थॉमस ने कहा कि दोनों देशों के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तवान है, जो अब कम हो रहा है।
दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया है। वहीं, भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है। इंटरव्यू के दौरान NSA थॉमस ने अमेरिका का भी जिक्र किया। अमेरिका ने भी खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का हत्या की कोशिश का आरोप भारत पर लगाया है।
NSA थॉमस ने कहा- अमेरिका के आरोपों के बाद भारत ने हमारे साथ सहयोग बढ़ाया है। दिसंबर 2023 में PM ट्रूडो ने भी कहा था कि पन्नू केस के बाद भारत के सुर बदले हैं।
भारत के साथ बातचीत सफल साबित हो रही
कनाडाई मीडिया CTV को दिए एक इंटरव्यू में कनाडा की नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जोडी थॉमस ने कहा- भारत हमारे साथ सहयोग कर रहा है इसलिए दोनों देशों के रिश्तों में सुधार आ रहा है। हम निज्जर मामले से आगे बढ़ रहे। भारतीय NSA के साथ हुई बातचीत के रिजल्ट पॉजिटिव नजर आ रहे हैं।
PM मोदी के बयान के बाद PM ट्रूडो ने कहा था- भारत के सुर बदले
20 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश के मामले पर बयान दिया था। फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में मोदी ने कहा था कि कुछ घटनाएं अमेरिका-भारत रिश्तों को बेपटरी नहीं कर सकती हैं।
इसके अगले ही दिन कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (CBC) से बातचीत में PM ट्रूडो ने कहा था कि शायद भारत को यह एहसास हो चुका है कि वो हमेशा आक्रमक रुख अख्तियार नहीं कर सकते। इसलिए भारत में हमारे साथ सहयोग करने की भावना आ चुकी है। ट्रडो का मानना है कि अमेरिका के कड़े रुख की वजह से भारत में यह बदलाव आया।
18 जून 2023 को हुई थी निज्जर की हत्या
18 जून 2023 की शाम कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित गुरुद्वारा की पार्किंग में खालिस्तान टाइगर फोर्स के चीफ आतंकी हरदीप सिंह निज्जर पर दो युवकों ने फायरिंग कर दी थी। निज्जर की मौके पर ही मौत हो गई। निज्जर को भारत ने भगोड़ा घोषित कर रखा था और इस पर 10 लाख रुपए का इनाम भी था।
3 महीने बाद यानी 18 सितंबर 2023 को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स यानी वहां की संसद में एक बयान दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जून में ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट्स का हाथ हो सकता है। ट्रूडो का इशारा भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की तरफ था।
ट्रूडो ने निज्जर मामले में कई बार दोहराए आरोप
UN जनरल असेंबली के सेशन के लिए जब कनाडाई प्रधानमंत्री न्यूयॉर्क पहुंचे थे, तब भी उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था- हम भारत सरकार से निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग की मांग करते हैं, ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके।
कनाडा में मौजूद भारतीय हाई कमिश्नर संजय वर्मा ने न्यूज चैनल CTV न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा था- निज्जर की हत्या की जांच हुए बिना ही भारत को दोषी ठहरा दिया गया। इन सबके बाद भारत से जांच में सहयोग करने को कहा गया।
अमेरिका ने निज्जर की हत्या पर खुफिया जानकारी दी थी
न्यूयॉर्क टाइम्स ने केस से जुड़े अफसरों के हवाले से जानकारी दी कि निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका की स्पाई एजेंसियों ने कनाडा के साथ इस केस से जुड़ी जानकारियां साझा की थीं। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत पर आरोप लगाते समय कनाडा ने जिस खुफिया का हवाला दिया था, वह उसने खुद जुटाई थी।
निज्जर की हत्या के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कनाडा को इंटेलिजेंस इकट्ठा करने में मदद की थी। इसी के आधार पर कनाडा को यह निष्कर्ष निकालने में मदद मिली कि भारत इसमें शामिल था। हालांकि, कनाडा ने खुद भारतीय डिप्लोमैट्स की निगरानी करके उनकी कम्युनिकेशन डिटेल्स का पता लगाया था, जिनके आधार पर निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स के शामिल होने का आरोप लगाया गया था।
अमेरिका और कनाडा के बीच फाइव आइज अलायंस का हिस्सा होने के नाते इंटेलिजेंस शेयरिंग होती है। लेकिन हत्या के बारे में जानकारी खासतौर पर खुफिया एजेंसियों ने अपने पैकेज में शेयर की थीं। इससे पहले शनिवार को कनाडाई मीडिया CTV न्यूज ने बताया था कि कनाडा में अमेरिका के ऐंबैस्डर डेविड कोहेन ने इस बात की पुष्टि की थी कि फाइव आइज देशों ने मिलकर निज्जर की हत्या पर इंटेलिजेंस जुटाया था।