अभी तक निज्जर की हत्या में कनाडा को नहीं मिला कोई सुराग, तो क्या पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर बोला झूठ
Updated on
28-09-2023 01:22 PM
ओटावा: 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी। हत्या के तीन महीने बाद 18 सितंबर को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के शामिल होने की बात संसद में कह डाली। जबकि हकीकत इससे काफी अलग है। अभी तक ट्रूडो की इंटेलीजेंस एजेंसियां निज्जर के हत्यारे को तलाश नहीं पाई हैं। कनाडा की इंटेलीजेंस एजेंसी ने अभी तक वॉन्टेड खालिस्तानी आतंकी की हत्या से पहले या बाद में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कनाडा के अंदर या बाहर उड़ान भरने वाले किसी भी भारतीय नागरिक की पहचान नहीं की है जिसका इस घटना से कोई ताल्लुक हो।
क्या कनाडा से भाग गए हत्यारे सूत्रों की तरफ से पुष्टि की गई है कि सरे की स्थानीय पुलिस, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) और कैनेडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस (सीएसआईएस) के जांचकर्ताओं ने इस दिशा में काफी माथापच्ची की है। उन्होंने यह पता लगाने की कोशिश की थी कि क्या भारतीय मूल के एजेंटों ने जून के आसपास देश के अंदर या बाहर यात्रा की थी। लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा है। कनाडा की पुलिस को अभी तक अपनी तलाश में कोई सफलता नहीं मिली है। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि हत्या के बाद हमलावर देश छोड़कर भाग गए होंगे।
क्या गैंगवार का नतीजा था मर्डर निज्जर की हत्या में कनाडा की पुलिस ने दो ऐसी गाड़ियों पर ध्यान लगाया था जिस पर उसे शक था। पुलिस की जांच एक जली हुई कार और एक सिल्वर 2008 टोयोटा कैमरी पर केंद्रित थी। बताया जा रहा है कि हत्या के बाद हत्यारों ने इन्हीं गाड़ियों का प्रयोग किया था। सूत्रों ने भी इस बात की पुष्टि की है। निज्जर की हत्या हाल के दिनों में क्षेत्र में हुए गैंगवार से जुड़ी कई हत्याओं की याद भी दिलाती है। इसके अलावा अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक निज्जर के हत्यारों ने उसके एक सहयोगी पर बंदूक तान दी थी। इसने उनका पीछा करने की कोशिश की थी, लेकिन गोली नहीं चलाई।
परिवार ने भी दिए कई बयान एक्सपर्ट्स की मानें तो यह उन लोगों की खासियत होती है जो व्यक्तिगत हिसाब-किताब तय करने या फिर दुश्मनी निकालने के इरादे से आगे बढ़ते हैं। लेकिन फिर भी गोली नहीं चलाते हैं। एक सीनियर खुफिया अधिकारी ने कहा कि ऐसे लोग इतने रणनीतिक होते हैं कि वो अपनी दुश्मनी की वजह से बाकी लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं। निज्जर के परिवार की तरफ से भी मीडिया को कई बयान दिए गए हैं। इनसे पता चलता है कि वह सीएसआईएस के साथ निकट संपर्क में था। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि वह मुखबिर था या नहीं।
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