भाई, बहनें, दोस्त, नौकर, पेट्स... रतन टाटा ने अपनी प्रॉपर्टी में किसे क्या दिया? हो गया है खुलासा
Updated on
01-04-2025 01:36 PM
नई दिल्ली: दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की वसीयत का खुलासा हो गया है। उन्होंने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान कर दिया है। उनकी संपत्ति लगभग 3,800 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसमें टाटा संस के शेयर और दूसरी चीजें शामिल हैं। यह सब रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट को दिया गया है। ये दोनों कंपनियां दान और परोपकार के काम करती हैं। रतन टाटा के पास कुछ और भी संपत्ति थी। इसमें बैंक में जमा पैसे, कुछ कागजात और घड़ियां-पेंटिंग जैसी चीजें शामिल थीं। इसकी कीमत लगभग 800 करोड़ रुपये थी। इसका एक तिहाई हिस्सा उन्होंने अपनी दो सौतेली बहनों, शिरीन जेजेभोय और डीना जेजेभोय को दिया है। बाकी का एक तिहाई हिस्सा मोहिनी एम दत्ता को मिला है। मोहिनी टाटा ग्रुप में काम करती थे और रतन टाटा के करीब थे।
इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक रतन टाटा के जुहू वाले बंगले का एक हिस्सा उनके भाई जिमी नवल टाटा को मिलेगा। जिमी 82 साल के हैं। रतन टाटा ने अपने एक करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री को अलीबाग वाली प्रॉपर्टी दी है। साथ ही टाटा की तीन बंदूकें भी उन्हें मिलेंगी। इसमें एक .25 बोर की पिस्तौल भी है, जो उन्हें बहुत पसंद थी। वसीयत को लागू करने वालों ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक अर्जी दी है। वे चाहते हैं कि कोर्ट वसीयत को सही माने। वसीयत में कुछ बदलाव भी किए गए हैं, जिन्हें कोडिसिल कहा जाता है। कोर्ट के कागजात के अनुसार यह अर्जी इसलिए दी गई है ताकि वसीयत के अनुसार संपत्ति का बंटवारा किया जा सके।
चैरिटी को ज्यादा हिस्सा
रतन टाटा ने 23 फरवरी, 2022 को एक वसीयत बनाई थी। इसमें चार कोडिसिल (codicils) हैं। कोडिसिल का मतलब है वसीयत पर साइन करने के बाद उसमें कुछ बदलाव करना। आखिरी कोडिसिल में यह बताया गया है कि रतन टाटा ने कुछ कंपनियों के शेयर खरीदे थे। इनमें लिस्टेड और अनलिस्टेड दोनों तरह की कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ ऐसी संपत्ति भी थी जिसके बारे में वसीयत में कुछ नहीं लिखा था। यह सब रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट को बराबर-बराबर दिया जाएगा।वसीयत का प्रोबेट (probate) एक कानूनी प्रक्रिया है। इसमें कोर्ट यह देखता है कि वसीयत असली है या नहीं। अगर वसीयत सही पाई जाती है, तो कोर्ट उसे लागू करने की अनुमति दे देता है। इसके बाद, वसीयत को लागू करने वाला व्यक्ति टाटा वसीयत के अनुसार संपत्ति का बंटवारा कर सकता है। वकील डेरियस खंबाटा, मेहली मिस्त्री, शिरीन और डीना जेजेभोय वसीयत को लागू करने वाले हैं। संपत्ति का बंटवारा तभी होगा जब कोर्ट इसे सही मानेगा। इस प्रक्रिया में लगभग छह महीने लग सकते हैं।
शांतनु नायडू को क्या मिला
रतन टाटा का पिछले साल 9 अक्तूबर को निधन हो गया था। उनकी इच्छा के अनुसार उनके पालतू जानवरों के लिए 12 लाख रुपये का फंड बनाया जाएगा। हर जानवर को हर तीन महीने में 30,000 रुपये मिलेंगे। इसके अलावा उनके करीबी शांतनु नायडू को दिया गया स्टूडेंट लोन माफ कर दिया जाएगा। साथ ही टाटा के पड़ोसी जेक मालिटे को दिया गया ब्याज-मुक्त एजुकेशन लोन भी माफ कर दिया जाएगा।
कोर्ट के कागजात के अनुसार, रतन टाटा के पास 4 लाख रुपये से थोड़े ज्यादा कैश था। उनके बैंक खातों और FD में लगभग 367 करोड़ रुपये थे। इसके अलावा उनके पास लगभग 40 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति भी थी। इसमें सेशेल्स में जमीन, वेल्स फारगो बैंक और मॉर्गन स्टेनली में खाते और एल्कोआ कॉर्प और हॉवेट एयरोस्पेस के शेयर शामिल हैं। उनकी संपत्ति में 65 घड़ियां भी हैं। ये बुल्गारी, पाटेक फिलिप, टिसॉट और ऑडेमर्स पिगेट जैसे ब्रांड की हैं।
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