लंदन । पृथ्वी के अलावा ब्रह्मांड में स्थित अन्य गृहों में एक मानव जीवन की संभावनाओं को लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिक प्रयत्नशील है। मंगल गृह पर जीवन ढूंढने को लेकर तेजी से कम कर चल ही रहा हैं। वहीं दूसरी ओर ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने बड़ा खुलासा किया है कि शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन नामक गैस मिला है, जिससे ग्रह पर जीवन के संकेत मिले हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने सतह से 45 मिल दूर शुक्र की ऊपरी डेक से दूरबीन के सहायता से खोज की है। खोज के मुताबिक यहां पर फॉस्फीन नामक गैस उपलब्ध है, जिससे आने वाले वक्त में शुक्र पर भी मानव जीवन की संभावनाएं जताई गई है। फॉस्फीन गैस एक रंगहीन गैस है, इसमें लहसुन या सड़ने वाली मछली जैसी गंध होती है। यह गैस मुख्य रूप से अवायवीय जैविक स्रोतों द्वारा निर्मित होती है।
मालूम हो कि बीते दिनों ही रेडिट पर एक पोस्ट शेयर किया गया था, जिसमें दावा करते हुए लिखा कि शुक्र पर पानी है। रेडिट पर यह पोस्ट ड्रैग्नाइट-2 नामक यूजर ने किया था। पोस्ट में धरती से अधिक पानी होने का दावा किया गया था। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। गौरतलब है कि एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि धरती पर औद्योगिक विकास से वनों, घास के मैदानों, दलदली भूमि और दूसरे अन्य महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र के नष्ट होने की गति तेज हुई है। धरती की 75 प्रतिशत बर्फ रहित भूमि में महत्वपूर्ण परिवर्तन आ गया है। महासागर प्रदूषित हो गये हैं और 85 प्रतिशत से अधिक आर्द्र यानी दलदली भूमि खत्म हो चुकी है। पारिस्थितिकी तंत्र के इस विनाश से 10 लाख प्रजातियों, जिनमें पांच लाख पशु व पौधे और पांच लाख कीटों के विलुप्त होने का डर है। लेकिन, यदि हम प्रकृति का संरक्षण और उसकी पुनर्स्थापना करते हैं, तो इनमें से कई जीवों को बचाया जा सकता है।