बेंगलुरु । भारतीय
हॉकी टीम का साई के नेशनल एक्सीलेंस सेंटर में 14 दिनों का क्वारेंटीन मंगलवार को पूरा
हो गया। इसके बाद टीम के फारवर्ड एसवी सुनील ने आइसोलेशन के अनुभवों को साझा करते हुए
उस दौरान की बेहतर गतिविधियों के लिए टीम की एकजुटता को श्रेय दिया। 31 वर्षीय सुनील
ने कहा कि लंबे समय तक आइसोलेशन में रहने के दौरान सबसे बड़ी चुनौती खुद को मानसिक रूप
से मजबूत रखना था। सुनील ने कहा,मुझे लगता है कि हम सभी को पिछले दो हफ्तों में यह
एहसास हुआ कि हम सभी को मानसिक रूप से मजबूत होने की आवश्यकता है और इस सुनिश्चित करने
के लिए कि हम हमेशा अपने दोस्तों, परिवार और टीम के साथियों के संपर्क में रहे। उन्होंने
कहा,कभी-कभी आपको एहसास नहीं होता है कि किसी चीज के लिए कितने प्रयास की जरूरत है,
लेकिन आइसोलेशन में रहने के बाद, मैं उन सभी लोगों की पीड़ा समझ सकता हूं जो क्वारेंटीन
केंद्रों या घर में आइसोलेशन में रह चुके हैं।
उन्होंने कहा, यह मानसिक तौर पर एक बड़ी चुनौती है और वास्तव में आपके धैर्य की परीक्षा है।इसकारण महामारी के दौरान जो लोग इस तरह के मौकों से उबर चुके हैं उनके प्रति मेरे मन में काफी सम्मान है।' 2014 एशियन खेल के स्वर्ण पदक विजेता सुनील ने कहा, ‘हम आंतरिक फिटनेस शेड्यूल का पालन करके अपने फिटनेस स्तर को बनाए रखने में सक्षम हैं।मैंने व्यक्तिगत तौर पर इन गतिविधियों में आनंद लिया है जिसमें स्ट्रेचिंग और फोम रोलिंग शामिल है। हम सुबह के सत्र में एक घंटे के लिए वीडियो कॉल के माध्यम से जुड़ते हैं जिसमें सभी खिलाड़ी शामिल होते हैं। इस दौरान हमारे वैज्ञानिक सलाहकार और फिजियो कई तरह के सलाह देते हैं। वीडियो कॉल पर यह सब करने का एक अलग अनुभव रहा है। उन्होंने कहा यह देखना सुखद था कि हमें भोजन कैसे परोसा गया। हमारे दरवाजे पर बेहद सुरक्षित तरीके से भोजन मुहैया कराया गया। हम सभी वास्तव में सुरक्षित महसूस कर रहे और मैं खुश हूं कि हम बुधवार से खेल गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं।'