पाकिस्तान और ईरान में तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरान की एयरस्ट्राइक की आलोचना की है। उन्होंने कहा- दोनों देशों के बीच टकराव इस बात का सबूत है कि ईरान को क्षेत्र में पसंद नहीं किया जाता है, चाहे वो जहां भी जाए। हम अभी के हिसाब से काम कर रहे हैं।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका इस मुद्दे पर नजर बनाए हुए है। हम नहीं चाहते की साउथ और सेंट्रल एशिया में तनाव बढ़े। इसके लिए हम पाकिस्तानी अधिकारियों से संपर्क में हैं। पाकिस्तान पर ईरान का हमला यह दिखाता है कि वो क्षेत्र अस्थिरता बढ़ाने का काम कर रहा है।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा- हम नहीं चाहते कि यह तनाव किसी भी तरह से बढ़े। पाकिस्तान हमारे लिए एक बड़ा गैर-नाटो सहयोगी है और हमेशा रहेगा। हम दोनों पक्षों से शांति की अपील करते हैं।
चीन बोला- हम करा सकते हैं पाक-ईरान के बीच मध्यस्थता
वहीं UN चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने भी दोनों देशों की तरफ से हुई एयरस्ट्राइक्स पर चिंता जताई। उन्होंने कहा- हम दोनों पक्षों से शांति बनाने की अपील करते हैं। दूसरी तरफ, चीन ने दोनों देशों में मध्यस्थता कराने की पेशकश की है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा- हम उम्मीद करते हैं कि दोनों देश मसला सुलझाने की पूरी कोशिश करेंगे।
माओ निंग ने आगे कहा- अगर वे चाहें तो हम इसके लिए पहल करने को तैयार हैं। चीन हमेशा से यह कहता आया है कि दो देशों के बीच तनाव को UN के प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए। दरअसल, पाकिस्तान और ईरान दोनों ही शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यानी SCO के मेंबर हैं और चीन के करीबी ट्रेडिंग पार्टनर हैं।
ईरान ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी संगठन के ठिकानों पर हमला किया
16 जनवरी की रात पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ईरान ने मिसाइल और ड्रोन्स से हमला किया था। ईरान ने कहा था कि उसने पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों को निशाना बनाया था। इसके बाद ईरान के विदेश मंत्री अमीर अब्दोल्लाहियन ने बुधवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी से फोन पर बात की थी।
उन्होंने कहा था- यह हमला सिर्फ आंतकी संगठन पर किया गया था। इस पर जिलानी ने कहा था कि किसी भी देश को इस तरह जोखिम वाले रास्ते पर नहीं चलना चाहिए। ईरान के हमले पर पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई का पूरा हक है। इसके बाद पाकिस्तान एयरफोर्स ने 24 घंटे में ईरान पर हवाई हमले किए। पाकिस्तान ने ईरान में चलाए ऑपरेशन को 'मार्ग बार सरमाचर' नाम दिया।
जवाब में पाकिस्तान ने ईरान में 48 किमी अंदर की एयरस्ट्राइक
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया था कि ऑपरेशन के तहत ईरान में बलूच लिबरेशन आर्मी के 7 ठिकानों पर हवाई हमले किए गए। इस दौरान कई आतंकियों को मार गिराया गया। एयरस्ट्राइक ईरान की सीमा में 48 किलोमीटर अंदर घुसकर की गई थी। पाकिस्तान की फौज ने बताया था कि हमले के लिए किलर ड्रोन्स, रॉकेट, गोले बारूद और कई दूसरे हथियारों का इस्तेमाल किया गया था।
ईरान ने पाकिस्तान पर हमला क्यों किया?
ईरान एक शिया बहुल देश है, जबकि पाकिस्तान में करीब 95% लोग सुन्नी हैं। पाकिस्तान के सुन्नी संगठन ईरान का विरोध करते रहे हैं। इसके अलावा बलूचिस्तान का जैश अल अदल आतंकी संगठन ईरान की सीमा में घुसकर कई बार वहां की सेना पर हमले करता रहा है। ईरान की सेना को रिवॉल्यूशनरी गार्ड कहा जाता है।
ईरान सरकार कई बार पाकिस्तान को आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने की वॉर्निंग दे चुकी है। 2015 में पाकिस्तान और ईरान के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे। तब ईरान के आठ सैनिक पाकिस्तान से ईरानी क्षेत्र में घुसे सुन्नी आतंकवादियों के साथ संघर्ष में मारे गए। यह आतंकी भी जैश अल अदल के थे।
तब ईरान सरकार ने कहा था- हमारी सीमा पर तैनात सैनिकों का पाकिस्तान से घुसे आतंकवादियों के साथ संघर्ष हुआ। हमारे आठ सैनिक शहीद हो गए। हम इस मामले में जवाबी कार्रवाई जरूर करेंगे।