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हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा, ऐसे बने खाटू श्याम भगवान -2

Updated on 06-05-2022 10:01 AM
श्याम आरती -
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे |
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे || ॐ
रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे |
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े || ॐ
गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे |
खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले || ॐ
मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे |
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे || ॐ
झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे |
भक्त आरती गावे, जय - जयकार करे || ॐ
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उभरे |
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम - श्याम उचरे || ॐ
श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे |
कहत भक्तजन, मनवांछित फल पावे || ॐ
जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे |
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे || ॐ

खाटू चालीसा
दोहा :-
श्री गुरु पदरज शीशधर प्रथम सुमिरू गणेश ॥
ध्यान शारदा ह्रदयधर भजुँ भवानी महेश ॥
चरण शरण विप्लव पड़े हनुमत हरे कलेश ।
श्याम चालीसा भजत हुँ जयति खाटू नरेश ॥
चौपाई :-
वन्दहुँ श्याम प्रभु दुःख भंजन…. विपत विमोचन कष्ट निकंदन
सांवल रूप मदन छविहारी… केशर तिलक भाल दुतिकारी
मौर मुकुट केसरिया बागा ….. गल वैजयंति चित अनुरागा
नील अश्व मौरछडी प्यारी…… करतल त्रय बाण दुःख हारी
सूर्यवर्च वैष्णव अवतारे ….. सुर मुनि नर जन जयति पुकारे
पिता घटोत्कच मोर्वी माता ….. पाण्डव वंशदीप सुखदाता
बर्बर केश स्वरूप अनूपा……. बर्बरीक अतुलित बल भूपा
कृष्ण तुम्हे सुह्रदय पुकारे …… नारद मुनि मुदित हो निहारे
मौर्वे पूछत कर अभिवन्दन …… जीवन लक्ष्य कहो यदुनन्दन
गुप्त क्षेत्र देवी अराधना …….. दुष्ट दमन कर साधु साधना
बर्बरीक बाल ब्रह्मचारी…….. कृष्ण वचन हर्ष शिरोधारी
तप कर सिद्ध देवियाँ कीन्हा ……. प्रबल तेज अथाह बल लीन्हा
यज्ञ करे विजय विप्र सुजाना …….. रक्षा बर्बरीक करे प्राना
नव कोटि दैत्य पलाशि मारे ……. नागलोक वासुकि भय हारे
सिद्ध हुआ चँडी अनुष्ठाना ……. बर्बरीक बलनिधि जग जाना
वीर मोर्वेय निजबल परखन …… चले महाभारत रण देखन
माँगत वचन माँ मोर्वि अम्बा …… पराजित प्रति पाद अवलम्बा
आगे मिले माधव मुरारे ….. पूछे वीर क्युँ समर पधारे
रण देखन अभिलाषा भारी ….. हारे का सदैव हितकारी
तीर एक तीहुँ लोक हिलाये …… बल परख श्री कृष्ण सँकुचाये
यदुपति ने माया से जाना ….. पार अपार वीर को पाना
धर्म युद्ध की देत दुहाई …… माँगत शीश दान यदुराई
मनसा होगी पूर्ण तिहारी ….. रण देखोगे कहे मुरारी
शीश दान बर्बरीक दीन्हा …… अमृत बर्षा सुरग मुनि कीन्हा
देवी शीश अमृत से सींचत ….. केशव धरे शिखर जहँ पर्वत
जब तक नभ मण्डल मे तारे ….. सुर मुनि जन पूजेंगे सारे
दिव्य शीश मुद मंगल मूला …. भक्तन हेतु सदा अनुकूला
रण विजयी पाण्डव गर्वाये ….. बर्बरीक तब न्याय सुनाये
सर काटे था चक्र सुदर्शन …. रणचण्डी करती लहू भक्षन
न्याय सुनत हर्षित जन सारे …. जग में गूँजे जय जयकारे
श्याम नाम घनश्याम दीन्हा…. अजर अमर अविनाशी कीन्हा
जन हित प्रकटे खाटू धामा …. लख दाता दानी प्रभु श्यामा
खाटू धाम मौक्ष का द्वारा ….. श्याम कुण्ड बहे अमृत धारा
शुदी द्वादशी फाल्गुण मेला ….. खाटू धाम सजे अलबेला
एकादशी व्रत ज्योत द्वादशी …..सबल काय परलोक सुधरशी
खीर चूरमा भोग लगत हैं …… दुःख दरिद्र कलेश कटत हैं
श्याम बहादुर सांवल ध्याये ….. आलु सिँह ह्रदय श्याम बसाये
मोहन मनोज विप्लव भाँखे ….. श्याम धणी म्हारी पत राखे
नित प्रति जो चालीसा गावे ….. सकल साध सुख वैभव पावे
श्याम नाम सम सुख जग नाहीं ….भव भय बन्ध कटत पल माहीं
दोहा :-
त्रिबाण दे त्रिदोष मुक्ति दर्श दे आत्म ज्ञान
चालीसा दे प्रभु भुक्ति सुमिरण दे कल्यान
खाटू नगरी धन्य हैं श्याम नाम जयगान
अगम अगोचर श्याम हैं विरदहिं स्कन्द पुरान

श्याम समर्पण  
जय हो तुम्हारी,जय हो तुम्हारी,मोर्वीनंदन श्याम बिहारी......
(तर्ज:त्वमेव माता च पिता त्वमेव ..)
जय हो तुम्हारी,जय हो तुम्हारी,मोर्वीनंदन श्याम बिहारी
कलयुग के हो भव-भयहारी ,भगतों के हो तुम हितकारी
खाटूवाले श्याम बिहारी,जय हो तुम्हारी,जय हो तुम्हारी!!
आयें हैं दर पे, हम तो तुम्हारे
दरशन के प्यासे, नयन हमारे
दे दरशन प्यास, बढ़ा दो हमारी
खाटूवाले श्याम बिहारी...........
जय हो तुम्हारी,जय हो तुम्हारी,मोर्वीनंदन श्याम बिहारी
कलयुग के हो भव-भयहारी ,भगतों के हो तुम हितकारी
खाटूवाले श्याम बिहारी,जय हो तुम्हारी,जय हो तुम्हारी !!
आशा है मन में,विश्वास तुझ पर
करोगे महर श्याम,आज मुझ पर
आयेगी कब बोलो, बारी हमारी
खाटूवाले श्याम बिहारी.........
जय हो तुम्हारी,जय हो तुम्हारी,मोर्वीनंदन श्याम बिहारी
कलयुग के हो भव-भयहारी ,भगतों के हो तुम हितकारी
खाटूवाले श्याम बिहारी,जय हो तुम्हारी,जय हो तुम्हारी !!
नग्मे सुनायें,या गीत जो गायें
झूमें......नाचें,तुझको रिझायें
तेरी रज़ा में, रज़ा है हमारी..
खाटूवाले श्याम बिहारी......
जय हो तुम्हारी,जय हो तुम्हारी,मोर्वीनंदन श्याम बिहारी
कलयुग के हो भव-भयहारी ,भगतों के हो तुम हितकारी
खाटूवाले श्याम बिहारी,जय हो तुम्हारी,जय हो तुम्हारी !!
देगा तूं गम या,खुशियाँ जो मुझको
सहेंगें कहेंगें, ना कुछ भी तुमको...
टीकम तो दास, तेरा दरबारी.....
खाटूवाले श्याम बिहारी...........
जय हो तुम्हारी,जय हो तुम्हारी,मोर्वीनंदन श्याम बिहारी
कलयुग के हो भव-भयहारी ,भगतों को हो तुम हितकारी
खाटूवाले श्याम बिहारी,जय हो तुम्हारी,जय हो तुम्हारी !!
!!जय मोर्वीनंदन जय श्री श्याम !!
!!जय मोर्वीनंदन जय श्री श्याम !!
!!जय मोर्वीनंदन जय श्री श्याम !!
!!जय मोर्वीनंदन जय श्री श्याम !!

श्याम महिमा  (स्कन्द महापुराण पर आधारित)
श्री कृष्ण ने बर्बरीक को, देकर के बरदान
बना दिया कलयुग का देव,देवी सा देव महान
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
पूर्व जन्म में बर्बरीक थे,"सूर्यवर्चा" यक्षों के राजा.
आये हरि भू-भार हरण,धर्म युद्ध का बजाके बाजा
मुक्त किया ब्रह्म श्राप से,लिया शीश वलिदान...........
बना दिया कलयुग का देव,देवी सा देव महान ...
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
प्रकट हुई देवी चंडिका ,कथा करी बयान ..........
कर अभिषेक अमृत सिंचन ,दिया शीश को मान
देख शीश धर्म युद्ध का,भंग किया अभिमान........
बना दिया कलयुग का देव,देवी सा देव महान ..
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
विजय धवजा लहराई,आये पुष्प विमान....
बजी दुंदुभी देवों की,जय-जय कर गुण-गान
कर नमन सभी शीश को,हो गए अंतरध्यान
बना दिया कलयुग का देव,देवी सा देव महान ...
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय- जय जय श्री श्याम
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय- जय जय श्री श्याम
धन्य हुई खाटू नगरी,धन्य ढूंढा का देश......
प्रकट शीश बैठे निज मंदिर,सूना रहे आदेश
हारे को देते सहारा,पूजे सकल जहान.........
बना दिया कलयुग का देव,देवी सा देव महान ...
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
पांडव कुल का लाल लाडला,भीम पौत्र बलकारी
है घटोत्कच-मोर्वीनंदन,दानी लखदातारी.........
टीकम की साँसों की माला,करे श्याम गुण-गान
बना दिया कलयुग का देव,देवी सा देव महान ...
श्री कृष्ण ने बर्बरीक को, देकर के बरदान ...........
बना दिया कलयुग का देव,देवी सा देव महान
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
बोलो जय-जय जय श्री कृष्ण,बोलो जय-जय जय श्री श्याम
!!जय श्री मोर्वीनंदन जय श्री खाटू श्यामजी!!

जयकारे  - हारे के सहारे, खाटू नरेश, तीन बाण धारी, शीश के दानी, नीले के असवार, सेठों का सेठ खाटू नरेश, लखदातार, कलयुग के अवतारी, दानवीर, सांवले सरकार, श्रेष्ठ वीर I
अन्य दर्शनीय स्थल  - पशुपतिनाथ मंदिर ,  सीता कुंड , करणी माता रींगस रोड , शीशम हनुमान जी, खंडेला दरबार प्राचीन महल फव्वारे, संत सेवाश्रम (बावड़ी), सीताराम मंदिर (रामद्वारा),  प्राचीन शिव मंदिर, मंगल दास जी की प्राचीन समाधि, गणेश दास जी की प्राचीन समाधि, खटवांग राजा का महल I
श्याम कुंड - श्याम कुंड की महिमा- श्री श्याम कुंड से श्याम प्रभु का चमत्कारी विग्रह प्राप्त हुआ। इसके निर्मल जल में स्नान करके लाखों भक्त अपने संचित क्रियमाण कार्यों के बंधन से बच जाते हैं। लोक व परलोक भी सुधार लेते हैं। सत्य आचरण करने वाले का तुरंत लाभ होता है I
श्याम बगीची - श्याम भक्तों के लिए खाटू धाम में श्याम बाग आस्था का एक बड़ा केंद्र है श्याम बगीची में प्राकृतिक वातावरण के बीच आस्था के विभिन्न रंगों की अनुभूति होती है। यहां परम भक्त आलू सिंह की समाधि भी बनाई हुई है। कहा जाता है कि इस बगीची के फूलों से श्याम बाबा का नित्य श्रृंगार किया जाता था।

खाटू बाबा के दर्शन लाभ के लिए दिशा निर्देश - इस कोरोना काल में जहां हम सभी सुरक्षा को लेकर बेहद सजग हैं वही अपनी मान्यताओं एवं रीति-रिवाजों के लिए बेहद भावुक हैं। खाटू श्याम जी के दर्शन दिसंबर माह से खोले जा चुके हैं जिसके लिए पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है जो कि दर्शन करने के लिए अनिवार्य है।
सभी सुरक्षित रहे सजग रहें इसलिए मंदिर कमेटी के कुछ दिशानिर्देश हैं जो इस प्रकार हैं:
1. सभी भक्तों को दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवाना अनिवार्य है बिना पंजीकरण के दर्शन लाइन में प्रवेश नहीं मिलेगा।
2. रविवार शुक्ल पक्ष की एकादशी व द्वादशी को दर्शन व्यवस्था बंद रहेगी कृपया इन दिवसों को बाबा श्याम के दर्शन श्री श्याम मंदिर कमिटी की अधिकृत वेबसाइट एवं यूट्यूब चैनल पर ही करें। official website : https://shrishyamdarshan.in/hindi.php
3. विशेष उत्सव या अन्य किसी कारणों से मंदिर दर्शन के समय में बदलाव किया जा सकता है जिसका अधिकार मंदिर प्रन्यास के पास सुरक्षित रहेगा। दर्शन प्रातः 8:00 बजे से प्रारंभ कर दिए जाएंगे।
4. भक्तों के स्वास्थ्य मानकों को ध्यान में रखते हुए सीमित समय में सीमित संख्या में भक्तों के लिए दर्शन की व्यवस्था की गई है।





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