कश्मीर के टूरिस्ट स्पॉट गुलमर्ग में एवलांच की चपेट में आने से एक विदेशी टूरिस्ट की मौत हो गई। बर्फीले तूफान में 8 लोग फंस गए थे। जिनमें एक लोकल गाइड और 7 रूसी टूरिस्ट शामिल थे। फंसे हुए टूरिस्ट का हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। इन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अफरवाट चोटी से लगे खिलान मार्ग पर गुरुवार (22 फरवरी) दोपहर 2 बजे यह बर्फीला तूफान आया।गुलमर्ग बटालियन से भारतीय सेना की हिमस्खलन बचाव टीम (ART) ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। भारतीय सेना की HAWS (हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल) टीमों ने भी इसमें मदद की।
स्थानीय लोगों को साथ लिए बिना स्कीइंग स्लोप पर गया था ग्रुप
सेना के जवान और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की एक पेट्रोलिंग टीम रेस्क्यू अभियान चला रही है। यह एवलांच ढलान पर हुआ, जिसमें कई स्कीयर फंस गए। रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे अधिकारियों ने बताया कि विदेशी टूरिस्ट, स्थानीय निवासियों के बिना स्की ढलानों पर गए थे। इसलिए जब तूफान आया तो वे संभल नहीं सके।
दो दिन पहले जारी हुआ था अलर्ट
पिछले दिनों हिमालय में हो रही बर्फबारी के बीच मौसम विभाग ने दो दिन पहले ही एवलांच को लेकर चेतावनी जारी की थी। जम्मू और कश्मीर डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने 10 जिलों के लिए छोटे से लेकर बड़े और भयानक एवलांच हिमस्खलन की चेतावनी जारी की थी। अधिकारियों का कहना था कि अनंतनाग और कुलगाम में कम खतरे वाला एवलांच आएगा।
इसके अलावा डोडा, किश्तवाड़, पुंछ, रामबन, बांदीपोरा, बारामूला, कुपवाड़ा और गांदरबल जिलों के लिए मीडियम लेवल के एवलांच की चेतावनी जारी की गई थी।
हिमस्खलन क्या होता है?
बर्फ या पत्थर के पहाड़ की ढलान से तेजी से नीचे गिरने को हिमस्खलन या एवलांच कहते हैं। हिमस्खलन के दौरान बर्फ, चट्टान, मिट्टी और अन्य चीजें किसी पहाड़ से नीचे की ओर तेजी से फिसलती हैं। हिमस्खलन आमतौर पर तब शुरू होता है जब किसी पहाड़ की ढलान पर मौजूद बर्फ या पत्थर जैसी चीजें उसके आसपास से ढीली हो जाती हैं। इसके बाद ये तेजी से ढलान के नीचे मौजूद और चीजों को इकट्टा कर नीचे की ओर गिरने लगती हैं।