ज्योतिष शास्त्र राहू तृतीय भाव में देता है। पराक्रम-साहस और सम्पत्ति .....
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09-12-2020 02:14 AM
यहां स्थित राहू को अरिष्टनाशक और दु:खनाशक माना गया है। इसलिए आप निरोगी और बलवान होंगे। आपमें बाहुबल खूब होगा। आप पराक्रमी और साहसी होंगे। आप उद्योगी, प्रतापी, दृढविवेकी और खूब यात्राएं करने वाले होंगे। आप विद्वान के साथ-साथ भाग्यवान भी हैं। आप तीव्र बुद्धि लेकिन चंचल स्वभाव के हैं।
आपकी कीर्ति दूर-दूर तक फैलेगी। आप यशस्वी, प्रतिष्ठित और दान, पुण्य पर विश्वास करने वाले व्यक्ति हैं। आप सभी के साथ मित्रवत व्यवहार करना चाहते हैं। आप सभी सभी का आदर करते हैं। आप जानबूझ कर किसी के साथ भेद-भाव नहीं करते। आपका जो भी बर्ताव होता है, शुद्ध अंत:करण से होता है। भाग्योदय द्वारा आपको सहज ही लाभ मिलने लगता है, आपको अधिक प्रयत्न करने की आवश्यकता नहीं होती। आपके पास नौकर-चाकर, वाहन आदि सभी प्रकार की विलासिता की चीजें होती हैं। लेकिन यहां स्थित राहू के नकारात्मक प्रभाव के कारण आप अभिमानी हो सकते हैं। आप शंकालु और आलसी भी हो सकते हैं। आपको भाइयों का विरोध करने से बचना होगा।राहु ग्रह, कुंडली में स्थित 12 भावों पर विभिन्न तरह से प्रभाव डालता है। इन प्रभावों का असर हमारे प्रत्यक्ष जीवन पर पड़ता है। ज्योतिष में राहु एक क्रूर ग्रह है, परंतु यदि राहु कुंडली में मजबूत होता है तो जातकों को इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं जबकि कमज़ोर होने पर यह अशुभ फल देता है।