अमेरिकी इंटेलिजेंस के मुताबिक रूस-यूक्रेन जंग में अब तक 3 लाख 15 हजार रूसी सैनिकों की मौत हुई है। 24 फरवरी 2022 को शुरू हुई इस जंग के पहले रूसी सेना में 3 लाख 60 हजार सैनिक थे।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक जंग में 87% रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं। जंग ने रूसी सेना को आधुनिक बनाने के पुतिन की कोशिशों को 15 साल पीछे धकेल दिया है। इस नुकसान से उबरने के लिए रूस अपनी सेना में रिहा हुए कैदियों को भर्ती कर रहा है। साथ ही जंग के मैदान में भी भेज रहा है।
संसद में पेश की गई रिपोर्ट
12 दिसंबर को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की अमेरिका के वॉशिंगटन पहुंचे। इस बीच अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने जंग से जुड़ी एक रिपोर्ट संसद में पेश की। CNN के मुताबिक विपक्षी पार्टी रिपब्लिकन्स ने अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को दी जाने वाली एडिशनल फंडिंग पर आपत्ति जताई है। इसके बाद 11 दिसंबर को खुफिया एजेंसी ने यह रिपोर्ट कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद भवन) को भेजा। बाइडेन प्रशासन यूक्रेन को एडिशनल फंड देना चाहते हैं।
यूक्रेनी मोबाइल नेटवर्क पर साइबर अटैक
इस बीच मंगलवार देर रात यूक्रेन के सबसे बड़े मोबाइल नेटवर्क पर साइबर अटैक हुआ। इससे इंटरनेट और कम्युनिकेशन कट गया। कीवस्टार नेटवार्क 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को इंटरनेट देता है। साइबर अटैक के बाद ये सभी लोग बिना इंटरनेट रह रहे हैं। सिक्योरिटी सर्विस ऑफ यूक्रेन (SBU) को शक है कि इस हमले की पीछे रूस का हाथ है। इस मामले में जांच हो रही है।
घुटने टेकने की बात पर भड़के जेलेंस्की
व्हाइट हाउस पहुंचे जेलेंस्की ने कहा- कई देश कह रहे हैं कि यूक्रेन घुटने टेक दे और रूसी कब्जे को स्वीकार कर ले। ये बात बहुत गलत है ऐसा कहने वाले लोग पागल हैं। यूक्रेन क्यों हार मान जाए। यहां लोग रहते हैं। बच्चे है, महिलाएं हैं, परिवारों की यादे हैं। हम अपनी जमीन आतंकियों को नहीं देंगे।