बाकू । आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख को लेकर जारी जंग में तुर्की के प्रवेश से बड़ा खतरा पैदा हो गया है। युद्ध के तीसरे दिन को आर्मेनिया ने दावा किया है कि तुर्की के एक फाइटर जेट ने उसके एक युद्धक विमान को मार गिराया है। आर्मेनियाई रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि हमारे एयरस्पेस में तुर्की के एफ-16 फाइटर जेट ने रूस निर्मित हमारे विमान सुखोई एसयू-25 को मार गिराया है।
इस हमले में हमारे पायलट की मौत हो गई है। वहीं, तुर्की ने आर्मेनिया के इस आरोप से साफ इनकार किया है। तुर्की के संचार निदेशक फहार्टिन अल्टुन ने कहा आर्मेनिया को सस्ते प्रचार के लिए ऐसे प्रोपेगेंडा का सहारा लेने के बजाय अपने कब्जे वाले क्षेत्रों से हटना चाहिए। अजरबैजान के राष्ट्रपति के सहायक हिकमत हाजीयेव ने भी आर्मेनिया के इन आरोपों की निंदा की है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि आर्मेनिया का आरोप है कि उसके एसयू-25 को एफ-16 ने मार गिराया है। यह पूरी तरह से गलत है। मैं उन्हें अपने रडार की जांच करने की सलाह दूंगा। आर्मेनिया के क्षेत्र से एक भी एसयू -25 ने उड़ान नहीं भरी। बता दें कि तुर्की के अजरबैजान के साथ अच्छे संबंध हैं, जबकि आर्मेनिया की रूस से निकटता है। अजरबैजान के साथ भी रूस के रिश्ते अच्छे हैं।
नागोर्नो-काराबाख को लेकर जारी जंग में अबतक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं। उधर, जैसे-जैसे यह जंग तेज होती जा रही है, वैसे-वैसे रूस और नाटो देश तुर्की के इस युद्ध में कूदने का खतरा मंडराने लगा है। अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि लड़ाई में आर्मेनिया के 550 से अधिक सैनिक मारे गए हैं। इस बीच आर्मीनिया और अजरबैजान में बढ़ती जंग से रूस और तुर्की के इसमें कूदने का खतरा पैदा हो गया है।
रूस जहां आर्मीनिया का समर्थन कर रहा है, वहीं अजरबैजान के साथ तुर्की और इजरायल है। आर्मेनिया और रूस में रक्षा संधि है और अगर अजरबैजान के ये हमले आर्मेनिया की सरजमीं पर होते हैं तो रूस को मोर्चा संभालने के लिए आना पड़ सकता है। उधर, आर्मेनिया ने कहा है कि उसकी जमीन पर भी कुछ हमले हुए हैं।
बता दें कि रूस और तुर्की में पहले ही लीबिया और सीरिया के गृहयुद्ध को लेकर तलवारें खीची हुई हैं। इसके बाद भी दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध बने हुए हैं। तुर्की ने अमेरिका को नाखुश करते हुए रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा है। उधर, तुर्की में बने हमलावर ड्रोन विमान नागोरनो-काराबाख में आर्मेनियाई टैंकों का शिकार कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि रूस इसे बर्दाश्त नहीं करेगा और सख्त कदम उठा सकता है।